नई दिल्ली
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने स्कूलों को नशामुक्त बनाने और छात्रों के बीच नशीले पदार्थों के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के साथ साझेदारी की है।
इस साझेदारी के तहत, दोनों संगठनों ने एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके बाद वे मिलकर कई कार्यक्रम चलाएंगे, जैसे:
तिमाही जागरूकता कार्यक्रम।
शिक्षकों और काउंसलरों के लिए कार्यशालाएँ।
डिजिटल लर्निंग मॉड्यूल।
सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम।
छात्रों और उनके परिवारों के लिए काउंसलिंग।
शुरुआत में, यह कार्यक्रम 100 सीबीएसई स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू होगा, जिसे बाद में एक "हब-एंड-स्पोक" मॉडल के जरिए और भी स्कूलों तक पहुँचाया जाएगा।
एनसीबी के महानिदेशक अनुराग गर्ग ने कहा कि नशीले पदार्थों के खतरे से लड़ने में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने जागरूकता अभियान, कार्यशालाएँ और काउंसलिंग कार्यक्रम चलाने में एनसीबी के पूरे समर्थन का भरोसा दिलाया।
सीबीएसई सचिव हिमांशु गुप्ता ने कहा, "स्कूलों को शिक्षा के साथ-साथ छात्रों को एक सुरक्षित और सहायक वातावरण भी देना चाहिए।" उन्होंने कहा कि टेली-मानस जैसे सरकारी कार्यक्रम, जो मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करते हैं, इस दिशा में सहायक हो सकते हैं।
इस साझेदारी का उद्देश्य एक सुरक्षित, स्वस्थ और सशक्त शैक्षणिक वातावरण बनाना है, जहाँ छात्र नशीले पदार्थों से दूर रहकर सकारात्मक विकल्प चुन सकें।