आवाज द वाॅयस /अलीगढ़
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) बड़ी पहल करने जा रही है. जल्द ही अपने महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम पर काम शुरू कर देगी. अंतरिक्ष विभाग के तहत काम करने वाले भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (आईएन-स्पेस) द्वारा अनुमोदित एक सेटेलाइट लांच किया जाएगा.
इस परियोजना में एसएस एएमयू एसएटी का विकास शामिल है, जो इसके संस्थापक सर सैयद अहमद खान के नाम पर पहला उपग्रह कार्यक्रम है.एसएस एएमयू एसएटी एक नैनोसैटेलाइट प्रोजेक्ट है जो नवंबर 2021 में एएमयू रोबो क्लब के तहत शुरू हुआ था.
उपग्रह एक 3यू क्यूबसेट है जिसके कई उद्देश्य हैं जिसमें उपग्रह इमेजरी का उपयोग करके भारत के सबसे गरीब जिलों में आर्थिक विकास का अध्ययन और तेजी से मल्टीमीडिया ट्रांसमिशन के लिए इन-हाउस विकसित छवि संपीड़न तकनीक का कार्यान्वयन शामिल है. इनके अलावा, उपग्रह विभिन्न उपग्रह उप-प्रणालियों का भी परीक्षण करेगा जिन्हें घर में ही बनाया गया है.
एसएस एएमयू सैट के अनुमोदन, पंजीकरण, आवृत्ति आवंटन और लॉन्च के लिए परियोजना जनवरी 2023 में प्रस्तुत की गई थी.सितंबर 2023 में, डॉ. पी.के. जैन की अध्यक्षता में छात्र उपग्रह समिति, निदेशक (पीएमएडी), आईएन-स्पेस ने डिजाइन की समीक्षा की और इस शर्त के साथ प्रस्ताव को मंजूरी दे दी कि एएमयू एसएस एएमयू सैट के विकास से लेकर इसके लॉन्च तक सभी गतिविधियों के लिए आईएन-स्पेस के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेगा.
छात्रों की टीम, जो परियोजना के विकास में शामिल है, का नेतृत्व पूर्ति वार्ष्णेय द्वारा किया जाएगा. सी. ए. प्रभाकर (पूर्व परियोजना निदेशक, इसरो) और फराज अहमद (2013 बैच के पूर्व छात्र) भी परियोजना में शामिल हैं.
इस परियोजना को इसरो के साथ काम करने वाले एएमयू के पूर्व छात्रों और दुनिया भर के कई औद्योगिक विशेषज्ञों से तकनीकी सहायता मिली है.यह परियोजना अस्थायी रूप से छह महीने में लॉन्च होने वाली है.