ओस्लो विश्वविद्यालय में एएमयू प्रोफेसर असद यू. खान विज़िटिंग प्रोफेसर नियुक्त

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 27-05-2025
AMU Professor Asad U. Khan appointed Visiting Professor at University of Oslo
AMU Professor Asad U. Khan appointed Visiting Professor at University of Oslo

 

आवाज द वाॅयस /अलीगढ़

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के जैव प्रौद्योगिकी विभाग से जुड़े प्रोफेसर असद यू. खान को नॉर्वे स्थित प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ ओस्लो के इंस्टीट्यूट ऑफ ओरल बायोलॉजी में विज़िटिंग प्रोफेसर नियुक्त किया गया है. यह नियुक्ति दो वर्षों की अवधि के लिए की गई है. यह दोनों देशों के बीच जैव चिकित्सा अनुसंधान, विशेषकर एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) के क्षेत्र में सहयोग को नई दिशा देने वाली मानी जा रही है.

प्रोफेसर असद यू. खान पहले भी यूनिवर्सिटी ऑफ ओस्लो के प्रोफेसर फर्नांडा पीटर्सन की प्रयोगशाला के साथ मिलकर एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस पर संयुक्त शोध परियोजना में काम कर चुके हैं. 

नई भूमिका में वे न केवल शोध कार्यों का मार्गदर्शन करेंगे, बल्कि पीएचडी शोधार्थियों को मेंटरशिप, शैक्षणिक संवाद, और फैकल्टी इंटरैक्शन में भी सक्रिय रूप से हिस्सा लेंगे.इस साझेदारी से भारत और नॉर्वे के बीच संक्रामक रोगों के प्रतिरोध और उपचार के क्षेत्र में शोध को मजबूती मिलने की उम्मीद है.

अंतरराष्ट्रीय अनुभव से सुसज्जित हैं प्रोफेसर खान

प्रोफेसर असद यू. खान इससे पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय अकादमिक पदों पर कार्य कर चुके हैं. उन्होंने स्पेन की यूनिवर्सिटी ऑफ कैथोलिका सैन एंटोनियो डी मर्सिया (UCAM) में Adjunct Professor के रूप में 2015 से 2017 तक सेवा दी थी.मलेशिया की यूनिवर्सिटी ऑफ मलेशिया टेरेन्गानू में वे 2019 से 2021 तक Visiting Professor के रूप में नियुक्त रहे.

इस तरह, वे वैश्विक जैव प्रौद्योगिकी समुदाय में एक सम्मानित नाम बन चुके हैं और एएमयू की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी लगातार मजबूती प्रदान कर रहे हैं.

एएमयू में हर्ष की लहर

प्रोफेसर खान की इस नियुक्ति को एएमयू समुदाय में अत्यंत गर्व और प्रेरणा का विषय माना जा रहा है. विश्वविद्यालय प्रशासन और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के साथियों ने इस उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई दी है. यह नियुक्ति न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि एएमयू के वैश्विक अकादमिक नेटवर्क को और व्यापक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

विशेषज्ञों का मानना है कि इस नियुक्ति से एएमयू के शोध छात्र अंतरराष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संवाद और प्रयोगशाला प्रशिक्षण का लाभ उठा सकेंगे. साथ ही, प्रोफेसर खान की अगुआई में होने वाले संयुक्त शोध प्रयास भारत में एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति बढ़ती प्रतिरोधक क्षमता जैसी ज्वलंत समस्याओं के समाधान की दिशा में कारगर हो सकते हैं.