एएमयू के जेएनएमसी सर्जनों ने जानलेवा चोट से जूझ रहे किशोर की जटिल सर्जरी कर बचाई जान

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 08-10-2025
AMU's JNMC surgeons performed a complex surgery to save the life of a teenager suffering from a life-threatening injury.
AMU's JNMC surgeons performed a complex surgery to save the life of a teenager suffering from a life-threatening injury.

 

अलीगढ़

बुलंदशहर का 17 वर्षीय किशोर, जो सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था, को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (जेएनएमसी) के कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग की टीम द्वारा की गई एक अत्यंत जटिल और आपातकालीन सर्जरी के बाद नया जीवन मिला।

यह मरीज अलीगढ़ के एक निजी अस्पताल से जेएनएमसी रेफर किया गया था और गंभीर श्वसन संकट की स्थिति में पहुंचा, जिसके कारण उसे तुरंत वेंटिलेटर सपोर्ट की आवश्यकता पड़ी। जांच में ब्रेस्टबोन (उरोस्थि) और पसलियों की हड्डियों में खतरनाक टूट-फूट पाई गई, जो दिल और प्रमुख रक्त वाहिनियों पर दबाव डाल रही थीं—यह एक दुर्लभ और जानलेवा स्थिति थी।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, कार्डियोथोरेसिक सर्जनों की टीम ने तुरंत ओपन रिडक्शन और इंटरनल फिक्सेशन सर्जरी की। इसमें टाइटेनियम प्लेटों और स्क्रूज़ की मदद से उरोस्थि और पसलियों को स्थिर किया गया ताकि छाती की दीवार मज़बूत हो और दिल व रक्त वाहिनियों से दबाव हटे। समय पर की गई इस सर्जरी के चलते मरीज को उसी दिन वेंटिलेटर से हटा दिया गया, और उसकी तेज़ और पूर्ण रूप से रिकवरी हुई।

इस सर्जरी को डॉ. मोहम्मद अज़म हसीन, डॉ. सैयद शमायल रब्बानी, और डॉ. आमिर मोहम्मद ने अंजाम दिया, जिनका सहयोग डॉ. मनाज़िर अथर और उनकी एनेस्थीसिया टीम ने किया।
नर्सिंग ऑफिसर श्री सुहैल, सिस्टर सुनी, श्री नदीम और श्री रिंकू, तथा ऑपरेशन थिएटर सहायकों सलमान, असलम, आयशा और कामरान ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष प्रो. मोहम्मद अज़म हसीन ने सर्जिकल, एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर टीमों के बीच बेहतर समन्वय की सराहना करते हुए कहा, “समय पर रेफरल और तत्काल सर्जरी ही इस युवा की जान बचाने में निर्णायक साबित हुई।”

सहायक प्रोफेसर डॉ. सैयद शमायल रब्बानी ने बताया कि “इस तरह की जटिल छाती की सर्जरी उत्तर भारत के बहुत कम सरकारी अस्पतालों में होती है।”
डॉ. आमिर मोहम्मद ने कहा कि “जेएनएमसी में यह सर्जरी बहुत ही कम लागत पर उपलब्ध कराई जाती है।”

प्रो. हबीब रज़ा, डीन और प्रिंसिपल, जेएनएमसी ने इस उच्च जोखिम भरी स्थिति में टीम के कुशल और निर्णायक प्रयासों की सराहना की। वहीं, डॉ. अमजद अली रिज़वी, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, ने कहा, “यह हमारे संस्थान के लिए गर्व का क्षण है कि हम ऐसी जीवनरक्षक सेवाएं प्रदान कर पा रहे हैं।

एएमयू की कुलपति प्रो. नायमा ख़ातून ने टीम की सराहना करते हुए कहा, “कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग लगातार उन्नत हृदय, फेफड़ों और रक्तवाहिनी सर्जरी में उत्कृष्टता दिखा रहा है, जो जेएनएमसी की गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।