राकेश चौरासिया
शबे बारात इस्लामिक कैलेंडर के 8वें महीने शाबान की 15वीं तारीख को सूर्यास्त के बाद मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है. इस बार 2024 में यह त्योहार 25 फरवरी को हो सकता है, त्योहार का निर्धारण शाबान का चांद नजर आने के बाद किया जाएगा. यह रात मुसलमानों के लिए रहमत, क्षमा और आशीर्वाद की रात मानी जाती है.
शबे बारात क्यों मनाते हैं?
मुसलमानों का मानना है कि इस रात अल्लाह तआला अपने बंदों पर विशेष रहमत बरसाते हैं और उनकी गुनाहों की माफी करते हैं. इस रात लोग रात भर इबादत करते हैं, दुआएं करते हैं और अल्लाह से क्षमा मांगते हैं.
पांच इस्लामिक रातें
इस्लाम में पांच रातें खास हैं, जिनमें एक शबे बारात की रात है और इसके अलावा अन्य चार रातों में जुमे की रात, ईद-उल-फितर की रात, ईद-उल-अजहा की रात, रजब की रात शामिल हैं. इन रातों में मुस्लिम अल्लाह की इबादत करके अपने गुनाह बख्शवाते हैं.
शबे बारात में मुस्लिम किसकी इबादत करते हैं?
इस रात मुसलमान अल्लाह तआला की इबादत करते हैं. वे रात भर नमाज पढ़ते हैं, कुरान की तिलावत करते हैं और दुआएं करते हैं.
शबे बारात की कुछ प्रमुख रस्में
शबे बारात का महत्वः
शबे बारात मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है. यह रात मुसलमानों के लिए आत्म-परीक्षण, क्षमा और आशीर्वाद का अवसर प्रदान करती है. इस रात मुसलमान अपने गुनाहों से तौबा करते हैं और अल्लाह से क्षमा मांगते हैं. यह रात मुसलमानों को एकजुट होने और भाईचारे का संदेश देने का भी अवसर प्रदान करती है.