शरिया द्वेष से बचने को प्रोत्साहित करता है: हज खुतबा में बोले मस्जिद अल हरम के इमाम

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 17-06-2024
Sharia encourages seeking the welfare of others and avoiding malice: Imam of Masjid al-Haram Dr Mahir bin Hamad said in Hajj Khutba
Sharia encourages seeking the welfare of others and avoiding malice: Imam of Masjid al-Haram Dr Mahir bin Hamad said in Hajj Khutba

 

आवाज द वाॅयस/ रियाद

मस्जिद अल हरम के इमाम डाॅ माहिर बिन हमद ने हज खुतबा में कहा कि शरिया दूसरे के हितों की खोज और द्वेष से बचने को प्रोत्साहित करता है.मस्जिद अल-हरम के इमाम और खतीब शेख डॉ. माहिर बिन हमद ने हज 2024 खुतबा में कहा , "हे लोगों, अल्लाह और उसके दूत का आज्ञापालन करो. अल्लाह उसे आशीर्वाद दे और उसे शांति प्रदान करे."

मस्जिद निमरा से हज  खुतबा देते हुए मस्जिद अल-हरम के इमाम और उपदेशक शेख डॉ. माहिर बिन हमद ने कहा कि अल्लाह तआला ने अपने पैगंबर के आदेशों को लागू करने का आदेश दिया है. शांति उन पर हो और जो लोग उनका पालन करते हैं पैगंबर, शांति उन पर हो, हमेशा मार्गदर्शन किया गया है.

उन्होंने कहा कि जो लोग अल्लाह पर भरोसा करते हैं, उन्हें दुनिया और आखिरत में कामयाबी मिलती है., अल्लाह के अलावा कोई इबादत के लायक नहीं है. शैतान के धोखे और फुसफुसाहट से खुद को बचाकर रखें. इस्लाम के अनुयायियों का अनुसरण करने में मार्गदर्शन है.
 

हज 2024 खुतबा में कहा गया कि अल्लाह ने लोगों के लिए इस्लाम धर्म का पक्ष लिया है. हे लोगों! मुसीबत और शरारत से दूर रहो. अल्लाह ने पैग़म्बर ﷺ को रहमत बनाकर भेजा है. इस्लाम अश्लीलता और बुराई से मना करता .

इस्लाम अमानत में खयानत से मना करता है. किसी का हक़ मत छीनो. शराब और जुआ बुरे काम हैं, जो ईमान वालों को तकलीफ़ पहुँचाते हैं वे कभी सफल नहीं हो सकते . एक दूसरे का सहयोग करें. मदद की भावना स्थापित करें. अल्लाह गुनाहों को माफ करने वाला और रैंकों को ऊपर उठाने वाला है.

इमाम और खतीब शेख डॉ. माहिर बिन हमद कहते हैं कि सभी प्रशंसाएं अल्लाह सर्वशक्तिमान के लिए हैं. अल्लाह सर्वशक्तिमान ने विभाजन को मना किया है. किसी को तक़वा अपनाना चाहिए.

किसी भी मामले, परेशानी  पर किसी अन्य भगवान का आह्वान नहीं करना चाहिए. मुझे अल्लाह सर्वशक्तिमान, संप्रभुता की ओर रुख करना चाहिए और सच्चा नियम अल्लाह तआला का है, जो अल्लाह की अवज्ञा करता है वह जन्नत में प्रवेश नहीं कर सकता. मनुष्य को अल्लाह से डरकर अपनी जिंदगी गुजारनी चाहिए, उसे उन चीजों से बचना चाहिए जिनसे अल्लाह नाराज होता है.

उन्होंने कहा कि इस धन्य अवसर पर, अपने लिए, अपने माता-पिता और दोस्तों के लिए प्रार्थना करें. विशेष रूप से उन फिलिस्तीनी भाइयों के लिए प्रार्थना करें जो पीड़ित हैं. दुश्मन की क्रूरता ने फिलिस्तीनियों के लिए जीना असंभव बना दिया है.

दुश्मन की फिलिस्तीनी भूमि में रक्तपात और अराजकता चाहते हैं स्थापित करने के लिए. दुश्मन फिलिस्तीनी लोगों तक आवश्यक वस्तुओं, खाद्य सहायता, दवा और कपड़ों को पहुंचने की अनुमति नहीं दे रहा है.

उनका कहना है कि प्रत्येक आस्तिक को पांच आवश्यक बातों का पालन करना चाहिए, जो सृष्टि की सुरक्षा, जीवन की स्थिरता, शांति और सुरक्षा की स्थापना में मदद करेगी और लोगों को धार्मिक और सांसारिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगी. बुद्धि, धन और सम्मान सुनिश्चित करना है. शरिया ने इन आवश्यक मामलों को नुकसान पहुंचाने के प्रयास को अपराध घोषित कर दिया है.

 शेख डॉ. माहिर बिन हमद ने कहा कि शरिया जीवन और विकास को बढ़ावा देने वाले हर कार्य की सराहना करता है. शरिया दूसरों पर हमला करके उन्हें नुकसान पहुंचाने से मना करता है. शरिया हितों की खोज और प्रचार और द्वेष से बचने को प्रोत्साहित करता है.

हज उपदेश का अनुवाद उर्दू सहित 50 भाषाओं में प्रसारित किया गया.हज उपदेश के बाद, तीर्थयात्री ज़ुहर और अस्र की नमाज़ अदा करते हैं. तीर्थयात्री सूर्यास्त के समय मुज़दलिफ़ा के लिए रवाना होंगे, जहाँ वे मगरिब और ईशा की नमाज़ अदा करेंगे और रूमी के लिए कंकड़ इकट्ठा करेंगे.

इससे पहले हज की रस्मों के अगले चरण में हज यात्री मैदान अराफात पहुंचे, अराफात में माहौल को ठंडा रखने के लिए फव्वारों का इस्तेमाल किया गया.बता दें कि हज की खुशी के लिए दुनिया भर से आए 20 लाख तीर्थयात्रियों में 160 हजार पाकिस्तानी भी शामिल हैं.

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