ताज महल में सालाना उर्स के खिलाफ आगरा अदालत में याचिका दायर

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 03-02-2024
 Urs in Taj Mahal
Urs in Taj Mahal

 

आगरा. एक संगठन ने आगरा की अदालत में एक याचिका दायर कर ताज महल में ‘उर्स’ के आयोजन के खिलाफ निषेधाज्ञा की मांग की है. याचिकाकर्ता अखिल भारत हिंदू महासभा ने ‘उर्स’ के लिए ताज के अंदर मुफ्त प्रवेश को चुनौती दी है. आगरा कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है और मामले में सुनवाई की तारीख 4 मार्च तय की है.

तीन दिवसीय ‘उर्स’ का उत्सव इस वर्ष 6 फरवरी से 8 फरवरी तक होगा. यह अवधि मुगल सम्राट शाहजहां की मृत्यु को चिह्नित करने के लिए मनाई जाती है, जिन्होंने 1653 में आगरा में यमुना के तट पर ताज महल का निर्माण करवाया था.

याचिकाकर्ता के वकील अनिल कुमार तिवारी ने कहा, ‘‘शुक्रवार को याचिकाकर्ता एबीएचएम ने अपने मंडल प्रमुख मीना दिवाकर और जिला अध्यक्ष सौरभ शर्मा के माध्यम से आगरा में सिविल कोर्ट परिसर में चतुर्थ अतिरिक्त सिविल जज (जूनियर डिवीजन) कक्ष संख्या 4 की अदालत में एक याचिका दायर की.

उन्होंने बताया, ‘‘उन्होंने उर्स मनाने वाली समिति के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता ने उर्स के लिए ताज महल में प्रवेश निःशुल्क करने पर भी आपत्ति जताई है.’’

एबीएचएम के प्रवक्ता संजय जाट ने तर्क दिया कि संस्था ने एक आरटीआई के आधार पर याचिका दायर की थी, जिसमें पता चला था कि न तो मुगलों और न ही अंग्रेजों ने ताज के अंदर उर्स आयोजित करने की अनुमति दी थी.

संजय जाट ने पीटीआई को बताया, ‘‘याचिका आगरा शहर के इतिहासकार राज किशोर राजे द्वारा दायर एक आरटीआई के आधार पर दायर की गई है. आरटीआई में उन्होंने एएसआई से पूछा कि ताज महल परिसर में ‘उर्स’ मनाने और ‘नमाज’ की अनुमति किसने दी? एएसआई ने जवाब दिया कि न तो मुगलों, न ही ब्रिटिश सरकार या भारत सरकार ने ताज महल में ‘उर्स’ मनाने की अनुमति दी है.’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘इसलिए, इस आधार पर हमने सैय्यद इब्राहिम जैदी की अध्यक्षता वाली शाहजहां उर्स उत्सव समिति के आयोजकों को ताज महल में ‘उर्स’ मनाने से रोकने के लिए निषेधाज्ञा की मांग करते हुए एक याचिका दायर की है.’’

तीन दिवसीय उर्स में चादर पोशी, चंदन, गुस्ल, कुल और अन्य अनुष्ठान होते हैं. उर्स के आखिरी दिन 1,880 मीटर या उससे अधिक लंबी चादर चढ़ाई जाती है.

 

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