सिनेमा-विनेमाः हिंदी सिनेमा की पहली महिला मुस्लिम सुपरस्टार थी नसीम बानो

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 24-09-2022
नसीम बानू
नसीम बानू

 

सिनेमा-विनेमा/ मंजीत ठाकुर

हिंदी फिल्मों की सबसे खूबसूरत नायिकाओं में से एक थीं नसीम बानो. बेशक, आज की पीढ़ी गुजरे जमाने के अभिनेता-अभिनेत्रियों के बारे में काफी कम जानती है, लेकिन चालीस के दश की अदाकारा नसीम बानो इतनी बला की खूबसूरत थीं कि लोग उन्हें परी कहते थे.

कहा जाता है कि वह स्कूल में पढ़ने के लिए पालकी से जाया करती थीं और लोगों की निगाहों से बचाए रखने के लिए पर्दे में रखा जाता था. उन्हीं नसीम बानो की ही पुत्री सायरा बानो हैं जो खुद समर्थ अभिनेत्री रही हैं और दिलीप कुमार नसीम बानो के दामाद हुए.

नसीम बहुत समृद्ध खानदान से थीं और अपनी मां के साथ फिल्मों के स्टूडियो जाया करती थीं. और ऐसे ही एक मौके पर सोहराब मोदी ने उन्हें एक फिल्म की पेशकश कर दी, जिसका नाम था हेमलेट.

नसीम इस मौके को लपकना चाहती थीं लेकिन उनकी मां ने उनको फिल्मों में काम करने की इजाजत नहीं दी. उस जमाने में भले घर की लड़कियों का फिल्मों में काम करना अच्छा नहीं माना जाता था.

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लेकिन अपनी मां को मनाने के लिए नसीम बानो ने जिद ठान ली और भूख हड़ताल पर बैट गई. यह भूख हड़ताल तब तक जारी रहा जब तक कि उनकी मां मान नहीं गईं.

हेमलेट के बाद उनकी फिल्में 1937 में खान बहादुर, 1938 में मीठा जहर, 1938 मे तलाक और एक अन्य फिल्म वसंती, 1939 में पुकार और 1944 में बेगम बेहद कामयाब फिल्में साबित हुईं. बॉलीवुड की पहली महिला सुपरस्टार नसीम बानो का जन्म 4 जुलाई 1916 को हुआ था.

असल में, नसीम बानो सोहराब मोदी की कई फिल्मों में बतौर नायिक नमूदार हुई थीं. इन फिल्मों में तलाक, मीठा जहर, बसंती और भी कई शामिल हैं. लेकिन फिल्म 'पुकार' में नूरजहां का किरदार निभाकर नसीम बेहद मशहूर हो गईं.

नसीम बानो हिंदी सिनेमा की बेस्ट एक्ट्रेस में से एक हुआ करती थी. लेकिन बताया जाता है कि उन्होंने सीग्रेड फ़िल्मों में काम करना शुरू कर दिया था. जो उनके किरदार से बिलकुल मैच नहीं कर रहा था. उन्होंने ‘बाघी’ और ‘सिनबाद जहाज़ी’ जैसी फ़िल्मों में काम किया था. कहा ये भी जाता है कि गुरु दत्त ने उन्हें फ़िल्म ‘प्यासा’ में अलग किरदार निभाने का मौका दिया था. लेकिन उन्होंने काम करने से मना कर दिया था.

फिल्मी करियर में अपने पैर जमाने के बाद नसीम बानो ने मियां अहसान-उल हक से शादी की. कहा जाता है दिलीप कुमार और सायरा बानो की शादी के पीछे भी नसीम बानो का हाथ था.

नसीम ने 1950s में रिटायरमेंट ले लिया था. इस समय तक बॉलीवुड में एक और नई एक्ट्रेस का डेब्यू हो चुका था. जिनका नाम ‘सायरा बानो’ है. नसीम ने रिटायरमेंट अपनी बेटी सायरा को आगे बढ़ाने के लिए लिया था. 1960 में निर्देशक के. आसिफ़ ने उन्हें नूरजहां का लीड क़िरदार निभाने का मौका दिया था. लेकिन नसीम ने ये क़िरदार करने से साफ़ इनकार कर दिया था और कारण उनकी बेटी थी

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