राकेश चौरासिया
ईद का त्योहार खुशियों और उल्लास का त्योहार है. इस त्योहार पर लोग एक दूसरे को तोहफे देकर अपनी खुशी का इजहार करते हैं. इसलिए, ईद पर तोहफे देना जायज है.
शैख इब्ने उसैमीन रहिमहुल्लाह कहते हैं, ‘‘इस ईद पर यह भी होता है कि लोग उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं, जिसका अर्थ यह है कि वे खाना बनाते हैं और एक दूसरे को खाने के लिए आमंत्रित करते हैं, और इकट्ठा होते हैं और खुश होते हैं. यह एक ऐसी आदत (प्रथा) है जिसमें कोई आपत्ति की बात नहीं है, क्योंकि ये ईद के दिन हैं. यहां तक कि जब अबू बक्र रजियल्लाहु अन्हु ने अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के घर में प्रवेश किया, तो उस समय आपके पास दो युवा लड़कियां थीं जो ईद के दिन गीत गा रही थीं, तो उन्होंने उन दोनों को फटकार लगाई. इसपर पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहा, ‘उन्हें रहने दो.’ और आप ने यह नहीं कहा क्योंकि वे युवा लड़कियां हैं. बल्कि आप ने कहा, उन्हें रहने दो, क्योंकि ये ईद के दिन हैं.’’
तोहफे देने के फायदे
तोहफे देते समय ध्यान रखने योग्य बातें
कुछ तोहफे जो आप ईद पर दे सकते हैं
ईद पर तोहफे देना एक अच्छा रिवाज है. तोहफे देने से रिश्ते मजबूत होते हैं और खुशियां बढ़ती हैं.
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