गुलाम कादिर /भोपाल
हज 2023 के लिए देश के हजयात्रियों की उड़ान 21 मई से शुरू हो गई है. मध्य प्रदेश के यात्रियों की उड़ान 4 जून से शुरू होने की उम्मीद है. दूसरी ओर, शिवराज सिंह सरकार द्वारा अब तब इसको लेकर बजट जारी नहीं करने से फिलहाल असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
खादिम-उल-हज भेजने के मुद्दे को लेकर ऑल इंडिया हज वेलफेयर सोसाइटी और अन्य संगठनों द्वारा राज्य हज कमेटी को कई ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं और स्टेट हज कमेटी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को इस संबंध में कई बार पत्र भी लिखा जा चुका है. बावजूद इसके अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है. इससे हज यात्री ही नहीं मुस्लिम संगठन भी परेशान हैं.
ऑल इंडिया हज वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष मोहम्मद तौफीक ने कहा कि 21 मई से देश के तीर्थयात्री पवित्र यात्रा के लिए उड़ान भर रहे हैं. अगर सेंट्रल हज कमेटी ने हज फ्लाइट शेड्यूल में बदलाव नहीं किया होता तो एमपी के हजयात्री भी 21 मई से उड़ान भरते.
हज कमेटी द्वारा कई पत्र भेजे जाने के बाद भी प्रदेश सरकार द्वारा बजट जारी नहीं किया गया है. याद रहे कि खादिम-उल-हज भेजने में आने वाले खर्च का आधा हिस्सा सेंट्रल हज कमेटी और आधा प्रांतीय सरकार बजट के तौर पर स्टेट हज कमेटी को देती है.
तीर्थयात्रियों को लेकर सेंट्रल हज कमेटी ने मध्य प्रदेश का बजट जारी कर दिया है, लेकिन राज्य हज कमेटी को सरकार ने अभी तक बजट जारी नहीं किया है. सरकार बजट जारी नहीं करती है, तो यात्री कुछ पैसे एकत्र कर अपने स्तर से खादिम-उल-हज को साथ ले जा सकते हैं. अल्लाह न करे, अगर हज यात्रा के दौरान कोई दुर्घटना हो जाए तो हज यात्री किससे संपर्क करेंगे?
वहीं, समाजसेवी मुहम्मद शाहिद का कहना है कि बताया जा रहा है कि पिछले सालों में खादिम-उल-हज के नाम पर कुछ लोग गलत तरीके से गए थे.अगर कोई रिपोर्ट है तो सरकार इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे और पैसा वापस ले. , लेकिन खादिम हज को भेजने का सिलसिला नहीं रोके.
इस संबंध में जब मध्य प्रदेश राज्य हज कमेटी के प्रभारी सचिव मसूद अख्तर सिद्दीकी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हज कमेटी श्रद्धालुओं को भेजने को लेकर गंभीर है. सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को पत्र लिखा है. इस संबंध में वहां से बजट जारी होते ही खादिम-उल-हज को हजयात्रियों के साथ पवित्र यात्रा पर भेजने की तैयारी पूरी कर ली जाएगी.