इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में विदेशी अतिथि के रूप में इजिप्ट के राष्ट्रपति हमारे बीच मौजूद होंगे. आवाज द वॉयस का प्रयास है कि उनके इस राष्ट्रीय समारोह में शामिल होने से पहले अपने पाठकों को इजिप्ट से सिलसिलेवार परिचित कराया जाए ताकि उनकी हमारे बीच मौजूदगी कितना महत्वपूर्ण है, वे समझ सकें. इसकी पहली कड़ी हाजिर है. यह सिलसिला 26 जनवरी तक चलेगा.
धन्यवाद
हरजिंदर
दोनों में दूरी भले ही बहुत हो लेकिन मिस्र और भारत में बहुत सी समानताएं हैं.ये दोनों ही दुनिया के वे भूखंड हैं जहां इंसान ने सबसे पहले सभ्यता विकसित की.पढ़ने लिखने की परंपराएं भी सबसे पहले यहीं पर विकसित हुईं.विज्ञान और गणित के पहले सूत्र यहीं पर तलाशे गए.
जैसे भारत को कहीं हिंदुस्तान कहा जाता है तो कहीं इंडिया, वैसे ही इस मिस्र के भी बहुत सारे नाम हैं.कुछ अपनों ने दिए, कुछ पड़ोसियों ने तो कुछ उन विदेशियों ने जो आक्रमणकारी की तरह यहां आए थे.इनमें से हर नाम के पीछे एक कहानी है जो इस मुल्क के इतिहास की भी एक झलक देती है.
दोनों में दूरी भले ही बहुत हो लेकिन मिस्र और भारत में बहुत सी समानताएं हैं.
दुनिया इस देश को इजिप्ट के नाम से जानती है.यह नाम इस मुल्क को तब मिला जब सिकंदर महाने के नेतृत्व में ग्रीक फौज पूरी दुनिया पर कब्जा जमाने की नीयत से इस जगह पहंुची.सबसे पहले यह फौज जिस शहर पहंुची उसका नाम था का-प्टाह। जब वहां लोगों से देश का नाम पूछा गया तो उन्होंने यही नाम दोहरा दिया.
इजिप्ट को अरबी भाषा में मिस्र कहा गया है
कहा जाता है कि यह एक ऐसा उच्चारण था जिसे समझ पाना ग्रीक लोगों के बस में नहीं था.कुछ लोगों ने उसे कपट कहा, कुछ ने कोप्ट कहा, कुछ ने जोप्ट कहा.यही शब्द बाद में बदलता हुआ ऐजप्टोज़ बना और फिर इजिप्ट हो गया.आज भी इटली में इसे लोग ऐजिटो कहते हैं, फ्रांस में इजिप्टे कहते हैं और जर्मन में ऐजिप्टन.
नाम को लेकर बताई जानी वाली इन कहानियों में थोड़ा सरलीकरण हो सकता है, लेकिन इस नाम की शुरुआत ईसा से 300 साल पहले सिंकदर के दौर में ही हुई.पर यह तो वह नाम है जो यूरोपियन लोगों ने इस देश को दिया.लेकिन स्थानीय लोगों के लिए इस मुल्क का नाम क्या था ?
मिस्र शब्द दरअसल मिज़राइम से निकला है
जिसे पूरी दुनिया इजिप्ट के नाम से जानती है उसे अरबी भाषा में मिस्र कहा गया है.अरबी भाषा में इसका अर्थ होता है- एक देश.निसंदेह मिस्र पूरे पश्चिम एशिया का सबसे महत्वपूर्ण और सबसे अग्रणी देश था, इसलिए उसे यह नाम मिलना ही था.
इजिप्ट कोनाम तब मिला जब सिकंदर महाने के नेतृत्व में ग्रीक फौज पूरी दुनिया पर कब्जा जमाने की नीयत से इस जगह पहंुची
भारत ने इस देश को अरब व्यापारियों के जरिये जाना इसलिए हमारे लिए यह शुरू से ही मिस्र था.बाद में जब अंग्रेजी शासनकाल आया तो इजिप्ट नाम भी इस्तेमाल होने लगा.आज भी सरकारी कामकाज में इसी नाम का इस्तेमाल होता है.
हालांकि इस मिस्र नाम की एक और कहानी भी बताई जाती है.इज़राएल में या हिब्रू भाषा में मिस्र को मिज़राइम कहा जाता है.वे मानते हैं कि मिस्र शब्द दरअसल इसी से निकला है.कहा जाता है बेबीलोन के प्राचीन इश्तर गेट पर भी इस मुल्क का यही नाम आज भी मौजूद है.लेकिन यह मिज़राइम नाम क्यों पड़ा? हिब्रू बाईबल के अनुसार यह कहानी दुनिया में आए जल प्रलय के बाद के दौर से जुड़ती है.इस प्रलय के दौरान लोगों और जीव जंतुओं को बचाने वाले नूह के एक पोते का नाम था मिज़राइम.
जल प्रलय के बाद वे जार्डन नदी के उस पार उस जगह जा बसे जहां आज का मिस्र है.उन्हीं के नाम से इस देश को मिज़राइम कहा गया.कुछ जगह इसके लिए अबेल मिज़राइम शब्द का भी इस्तेमाल हुआ है.
सच जो भी हो पर यह कहानी एक बात तो बताती ही है कि मिस्र प्राचीन युग और आधुनिक युग में ही नहीं, पौराणिक काल से दुनिया का एक अहम भूखंड रहा है.
जारी……
( लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं @herhj)