Gold खरीदने का इससे अच्छा मौका शायद ही मिले, देखें नए दाम

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 21-06-2025
You may never get a better chance than this to buy gold, see the new prices
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आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
सोने के बढ़ते दामों ने सुंदरता में लगने वाले चार चांदों की संख्या घटा दी है जिसकी असल वजह है सोने-चांदी के आसमान छूते दाम. मार्केट में ज्वेलरी शॉप्स पर कम ग्राहक देखने को मिल रहे हैं. आलम ये है कि वेडिंग सीजन में भी लोग गोल्ड खरीदने से बच रहे हैं और अगर खरीद भी रहे हैं तो काफी कम खरीदारी कर रहे हैं. यूं तो ये सीजन वेडिंग का है.

अगर आपका प्लान भी गोल्ड खरीदने का है तो हम आपके काम की खबर लाए हैं. दरअसल, सोने के दाम में मामूली गिरावट आई है, जी हां आपने बिल्कुल सही सुना. ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के अनुसार, कमजोर वैश्विक संकेतों के अनुरूप आभूषण विक्रेताओं और स्टॉकिस्टों की बिकवाली के कारण शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 600 रुपये गिरकर 99,960 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई. जाहिर तौर पर कीमत कम होने का इंतजार कर रहे लोगों के लिए ये बिल्कुल सही मौका है जब वो इसे खरीद सकते हैं. 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 550 रुपये गिरकर 99,250 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) पर आ गया. इससे पहले गुरुवार को गोल्ड 99,800 रुपये प्रति 10gm पर बंद हुआ था.
 
कितना है चांदी का प्राइस?

शुक्रवार को सिल्वर का प्राइस भी 2,000 रुपये घटकर 1,05,200 रुपये जाी kg (Including all taxes) रह गई. गुरुवार को यह 1,07,200 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई था. चांदी हाल के उच्च स्तर से फिसलकर एक सप्ताह के लो लेवल के करीब पहुंच गई है और तीन सप्ताह में पहली बार साप्ताहिक गिरावट की ओर बढ़ रही है. सप्ताह की शुरुआत में तेज उछाल के बाद यह 35.70 डॉलर प्रति औंस से नीचे आ गई.
 
किन वजहों का दिख रहा असर?

Rahul Kalantri, VP, Commodities, Mehta Equities ने कहा, “यह गिरावट तब आई जब निवेशकों ने इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच अन्य जगहों पर घाटे की भरपाई के लिए बुलियन में अपनी पोजीशन खत्म कर दी.” बैंक ऑफ इंग्लैंड ने गुरुवार को अपनी मौद्रिक नीति बैठकों में दरों को स्थिर रखा, जिससे कीमती धातुओं की बढ़त भी सीमित रही. राहुल कलंत्री ने कहा, “व्यापारी अमेरिकी व्यापार शुल्कों पर घटनाक्रमों पर नजर रखेंगे और मध्य पूर्व में सैन्य भागीदारी अस्थिरता को बढ़ावा देगी. ईरान-इज़राइल संघर्ष में अमेरिका की ओर से किसी भी तरह की कमी या गैर-भागीदारी के संकेत सोने पर दबाव बनाए रख सकते हैं. एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट – कमोडिटी और करेंसी, जतीन त्रिवेदी ने कहा, “दूसरी ओर, नए सिरे से तनाव कीमतों को समर्थन देना जारी रखेगा.”