कमजोर वैश्विक संकेतों के दबाव में शेयर बाजार गिरा, सेंसेक्स 645 अंक फिसला

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 22-05-2025
Stock market fell under the pressure of weak global signals, Sensex slipped 645 points
Stock market fell under the pressure of weak global signals, Sensex slipped 645 points

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
वैश्विक बाजारों में कमजोरी के संकेतों से पैदा हुए बिकवाली के दबाव में बृहस्पतिवार को स्थानीय शेयर बाजार खासी गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 645 अंकों के नुकसान में रहा जबकि निफ्टी में 204 अंकों की गिरावट रही.
 
विश्लेषकों के मुताबिक, बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी और अमेरिका में ऋण चिंताओं का असर भारतीय बाजारों पर देखा गया। खासकर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), तेल और दैनिक उपभोग के सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनियों में बिकवाली हावी रही. बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स 644.64 अंक यानी 0.79 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,951.99 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 1,106.71 अंक गिरकर 80,489.92 के स्तर तक आ गया था.
 
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी भी 203.75 अंक यानी 0.82 प्रतिशत गिरकर 24,609.70 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स के समूह में शामिल 30 कंपनियों में से 27 नुकसान में रहीं। महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, टेक महिंद्रा, पावर ग्रिड, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, रिलायंस इंडस्ट्रीज और मारुति के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई. दूसरी तरफ, इंडसइंड बैंक, भारती एयरटेल और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए.
 
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "अमेरिका में प्रस्तावित बजट विधेयक से राष्ट्रीय ऋण में खासी बढ़ोतरी होने और बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने की आशंका हावी होने से मानक सूचकांकों में गिरावट देखी गई। एक प्रमुख क्रेडिट रेटिंग एजेंसी द्वारा अमेरिकी ऋण परिदृश्य को घटाने से भी एशियाई बाजारों में व्यापक रूप से बिकवाली हुई. अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल पांच प्रतिशत के ऊपर पहुंच गया जबकि जापानी बॉन्ड प्रतिफल बढ़कर 3.5 प्रतिशत हो गया. इस वजह से अधिक जोखिम वाली परिसंपत्तियों और भारत जैसे उभरते बाजारों में बिकवाली का दबाव देखा गया.
 
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, "बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने से वैश्विक बाजारों की तर्ज पर घरेलू निवेशकों ने कम जोखिम वाली परिसंपत्तियों का रुख किया और बड़ी बिकवाली देखी गई.
 
मझोली कंपनियों के मिडकैप सूचकांक में 0.33 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि छोटी कंपनियों का स्मालकैप सूचकांक 0.17 प्रतिशत चढ़ गया. बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों में से 2,178 के शेयर गिरावट में रहे जबकि 1,741 कंपनियां बढ़त में रहीं और 167 अन्य अपरिवर्तित रहीं. एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की 225, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग गिरावट के साथ बंद हुए. यूरोप के बाजार भी नकारात्मक दायरे में कारोबार कर रहे थे। बुधवार को अमेरिकी बाजार खासी गिरावट के साथ बंद हुए थे.
 
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.37 प्रतिशत गिरकर 64.02 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) एक दिन के अंतराल के बाद बुधवार को फिर से खरीदार बन गए। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, एफआईआई ने 2,201.79 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 410.19 अंक बढ़कर 81,596.63 अंक और एनएसई निफ्टी 129.55 अंक चढ़कर 24,813.45 पर बंद हुआ था.