आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
रिलायंस इंडस्ट्रीज एवं उसके साझेदार बीपी पीएलसी और अन्य परिचालकों द्वारा गहरे समुद्र एवं मुश्किल क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस के लिए अधिकतम मूल्य को तीन प्रतिशत घटाकर 9.72 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कर दिया गया है। यह दर एक अक्टूबर 2025 से 31 मार्च 2026 तक लागू होगी.
पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) ने मंगलवार को जारी एक आदेश में यह जानकारी दी.
हालांकि, पुराने गैस क्षेत्रों से उत्पादित गैस का मूल्य 6.75 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) पर अपरिवर्तित रहेगा.
पुराने गैस क्षेत्र से निकलने वाली गैस का मूल्य मासिक आधार पर तय होता है, जबकि मुश्किल इलाकों से उत्पादित गैस की मूल्य सीमा छमाही आधार पर एक अप्रैल और एक अक्टूबर से तय होती है.
गहरे समुद्र, अत्यधिक गहरे पानी और अधिक दबाव एवं ताप वाले क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिए अप्रैल-सितंबर 2025 में दर 10.04 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू थी.
अक्टूबर, 2025 से मार्च, 2026 की अवधि के लिए मुश्किल क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमत को घटाकर 9.72 डॉलर प्रति 10 लाख इकाई कर दिया गया है.
पीपीएसी ने कहा कि पुराने गैस क्षेत्रों से उत्पादित एपीएम गैस की कीमत 6.75 डॉलर प्रति 10 लाख इकाई पर स्थिर रखी गई है.
एपीएम गैस का इस्तेमाल सीएनजी, घरों में पाइप से रसोई गैस की आपूर्ति, बिजली उत्पादन और उर्वरक बनाने में किया जाता है.