आरबीआई नोटों पर टैगोर, अब्दुल कलाम की तस्वीर छापने की तैयारी में ?

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 05-06-2022
आरबीआई नोटों पर टैगोर, अब्दुल कलाम की तस्वीर छापने की तैयारी में ? (तस्वीर सिंबौलिक है)
आरबीआई नोटों पर टैगोर, अब्दुल कलाम की तस्वीर छापने की तैयारी में ? (तस्वीर सिंबौलिक है)

 

मलिक असगर हाशमी /नई दिल्ली
 
 
देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक को लेकर एक चर्चा जोरों पर है. कहा जा रहा है कि आने वाले समय में नोटों की नई श्रृंखला में रवींद्रनाथ टैगोर और डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की तस्वीरों का उपयोग किया जा सकता है.

सेंट्रल बैंक और सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसपीएमसीआईएल) ने कथित तौर पर महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर और एपीजे अब्दुल कलाम के नमूनों के दो सेट आईआईटी-दिल्ली एमेरिटस प्रोफेसर दिलीप टी साहनी को भेजे हैं, जो वॉटरमार्क चुनने और जमा करने के लिए जिम्मेदार हैं.
 
अंतिम मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा. यह खुलासा किया है न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने.संभावना है कि सरकार इनमें से कई वॉटरमार्क का चयन कर सकती है. केंद्र मुद्रा नोटों पर कई व्यक्तित्वों की छवियों को शामिल करने पर विचार कर सकता है.
 
2021 में, आरबीआई ने अपने मैसूर स्थित भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड और होशंगाबाद में एसपीएमसीआईएल की सिक्योरिटी पेपर मिल को वॉटरमार्क नमूनों के अपने स्वयं के सेट डिजाइन करने के निर्देश जारी किए थे.
 
इसके बाद, आरबीआई और एसपीएमसीआईएल ने अपने नमूने परीक्षण के लिए भेजे. नमूनों के ‘अच्छे पहलुओं‘ पर अधिकारियों के साथ कई दौर की चर्चा हो चुकी है. इसके प्रस्तावित में कहा गया है कि मुद्रा नोटों की नई श्रृंखला में कई व्यक्तित्वों को शामिल किया जा सकता है.
 
संयुक्त राज्य अमेरिका में भी, देश के संस्थापक पिता जॉर्ज वाशिंगटन, बेंजामिन फ्रैंकलिन, थॉमस जेफरसन, एंड्रयू जैक्सन और अलेक्जेंडर हैमिल्टन के अलावा, मुद्रा नोट पर अब्राहम लिंकन सहित राष्ट्रपतियों की तस्वीर छपी हुई हैं.
 
शीर्ष सरकारी सूत्रों ने खुलासा किया कि 2017 में, बैंक नोटों की एक नई श्रृंखला के लिए नई सुरक्षा सुविधाओं की सिफारिश करने के लिए गठित नौ आरबीआई आंतरिक समितियों में से एक ने 2020 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें प्रस्तावित किया गया था कि गांधी के अलावा, टैगोर और कलाम के वॉटरमार्क आंकड़े होने चाहिए.
 
2,000 रुपये के नोट को छोड़कर सभी करेंसी नोटों को शामिल करने के लिए विकसित किया जाना चाहिए, जिनकी छपाई पहले ही बंद हो चुकी थी.
आइए जानते हैं भारत में कहां कैसे नोट और सिक्के बनते और छपते हैं ?
 
देश में चार बैंक नोट प्रेस, चार टकसाल और एक पेपर मिल है. नोट प्रेस देवास मध्य प्रदेश, नासिक , सालबोनी और मैसूर में हैं.देवास की नोट प्रेस में एक साल में 265 करोड़ नोट छपते हैं. यहां पर 20, 50, 100, 500 रुपए मूल्य के नोट छापे जातेे हैं. देवास में ही नोटों में प्रयोग होने वाली स्याही का उत्पादन भी किया जाता है.
 
करेंसी प्रेस नोट नाशिक में  1991 से 1, 2, 5 10, 50  100 के नोट छापे जाते हैं.पहले यहां 50 और 100 रुपये के नोट नहीं छापे जाते थे.मध्य प्रदेश के ही होशंगाबाद में सिक्यॉरिटी पेपर मिल है. नोट छपाई पेपर होशंगाबाद और विदेश से आते हैं. 1000 के नोट मैसूर में छपते हैं.
 
भारत में कहां ढलते हैं सिक्के 

भारत में चार जगहों पर सिक्के ढाले जाते हैं मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद और नोएडा में.हर सिक्के पर एक निशान छपा होता है जिसको देखकर आपको पता चल जाएगा कि यह किस मिंट का है.
 
यदि सिक्के में छपी तारीख के नीचे एक डायमंड टूटा नजर आए तो ये चिह्न हैदराबाद मिंट का है. नोएडा मिंट के सिक्कों पर जहां छपाई का वर्ष अंकित किया गया है, उसके ठीक नीचे छोटा और ठोस डॉट होता है.
 
इसे सबसे पहले 50 पैसे के सिक्के पर बनाया गया था. 1986 में इन सिक्कों पर ये मार्क अंकित किया जाना शुरू हुआ था. इसके अलावा मुंबई और कोलकाता में मिंट है.
नोट किस चीज से बनते हैं ?
 
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नोट तैयार करने के लिए कॉटन से बने कागज और विशिष्ट तरह की स्याही का इस्तेमाल किया जाता है. भारतीय करंसी नोट तैयार करने के लिए जिस कागज का इस्तेमाल होता है, उसमें कुछ का प्रोडक्शन महाराष्ट्र स्थित करंसी नोट प्रेस और अधिकांश का प्रोडक्शन मध्य प्रदेश के होशंगाबाद पेपर मिल में होता है. कुछ पेपर इम्पोर्ट भी किया जाता है.
 
नोट छापने के लिए ऑफसेट स्याही का निर्माण मध्य प्रदेश के देवास स्थित बैंकनोट प्रेस में होता है, जबकि नोट पर जो उभरी हुई छपाई नजर आती है. उसकी स्याही सिक्कम में स्थित स्वीस फर्म की यूनिट में बनाई जाती है.
 
हर साल कितने नोट छापे जाते हैं ?

रिजर्व बैंक के अनुसार, भारत हर साल 2,000 करोड़ करेंसी नोट छापता है. इसकी 40 प्रतिशत लागत कागज और स्याही के आयात में जाती है. ये कागज जर्मनीए जापान और ब्रिटेन जैसे देशों से आयात किया जाता है.
 
कौन तय करता है ,कितने सिक्कों की ढलाई होगी ?

यह तय करने का अधिकार सिर्फ सरकार को है,हालांकि एक रुपये का नोट भी वित्त मंत्रालय ही छापता है और उसके ऊपर वित्त सचिव के हस्ताक्षर होते है.
 
नोट कैसे छपते हैं ?

विदेश या होशंगाबाद से आई पेपर शीट एक खास मशीन सायमंटन में डाली जाती है. फिर एक अन्य मशीन जिसे इंटाब्यू कहते हैं उससे कलर किया जाता है. यानी कि शीट पर नोट छप जाते हैं. इसके बाद अच्छे और खराब नोट की छटनी हो जाती है. एक शीट में करीब 32 से 48 नोट होते हैं.