नई दिल्ली
एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज से लगातार पांचवें वर्ष भी कोई वेतन नहीं लिया है। कंपनी की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2024-25 में भी उन्हें वेतन, भत्ते या सेवानिवृत्ति लाभ के रूप में कोई भुगतान नहीं किया गया।
कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद अंबानी ने 2020-21 से यह निर्णय लिया था कि वे तब तक वेतन नहीं लेंगे, जब तक कि कंपनी और उसके सभी व्यापार क्षेत्र पूरी तरह से आय सृजन की सामान्य स्थिति में नहीं लौट आते।
हालांकि, अंबानी की आय का मुख्य स्रोत लाभांश बना हुआ है। उनके पास रिलायंस इंडस्ट्रीज के 1.61 करोड़ शेयर हैं। कंपनी द्वारा घोषित ₹5.50 प्रति शेयर लाभांश के आधार पर उन्हें इस साल ₹8.85 करोड़ की लाभांश आय प्राप्त हुई।
इसके अलावा, जिन प्रवर्तक कंपनियों पर अंबानी का नियंत्रण है, उनके पास कुल 664.5 करोड़ शेयर यानी रिलायंस इंडस्ट्रीज में 50.07% हिस्सेदारी है। इस हिस्सेदारी के आधार पर उन्हें ₹3,655 करोड़ रुपये की लाभांश आय हुई।
मुकेश अंबानी ने 2008-09 से 2019-20 तक अपना वार्षिक वेतन ₹15 करोड़ तक सीमित रखा था।
कोविड के बाद से अब तक लगातार वेतन नहीं लिया है।
अंबानी के तीनों बच्चे — ईशा, आकाश और अनंत — को अक्टूबर 2023 में रिलायंस के बोर्ड में शामिल किया गया था। तीनों को अभी तक कोई वेतन नहीं मिला, केवल:
₹6 लाख रुपये सिटिंग फीस
₹2.27 लाख रुपये कमीशन
मिला है।
अनंत अंबानी को कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया है और उन्हें चालू वित्त वर्ष से ₹10 से ₹20 करोड़ रुपये के बीच वेतन मिलेगा।
मुकेश अंबानी के चचेरे भाई निखिल मेसवानी और हितल मेसवानी को वित्त वर्ष 2023-24 में क्रमशः ₹25.31 करोड़ और ₹25.42 करोड़ वेतन मिला था, जो 2024-25 में घटकर ₹25 करोड़ हो गया।
कार्यकारी निदेशक पी.एम.एस. प्रसाद का वेतन पिछले साल के ₹17.93 करोड़ से बढ़कर ₹19.96 करोड़ हो गया।
इस तरह, मुकेश अंबानी ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि वह कंपनी के हितों को सर्वोपरि रखते हुए, खुद के वेतन से अधिक फोकस रिलायंस की स्थिरता और दीर्घकालिक दृष्टि पर कर रहे हैं।