मिजोरम के गृह मंत्री ने 10 ‘मोबाइल फॉरेंसिक’ वाहनों को हरी झंडी दिखायी

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 02-09-2025
Mizoram Home Minister flagged off 10 'mobile forensic' vehicles
Mizoram Home Minister flagged off 10 'mobile forensic' vehicles

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
मिजोरम के गृह मंत्री के. सपदांगा ने राज्य में आपराधिक मामलों की वैज्ञानिक जांच को बढ़ावा देने के लिए 10 ‘मोबाइल (सचल) फॉरेंसिक’ वाहनों को हरी झंडी दिखाई.
 
अधिकारियों ने बताया कि केंद्र द्वारा 4.8 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृत ये मोबाइल वाहन विशेष रूप से डिजाइन किए गए हैं और आवश्यक फॉरेंसिक उपकरणों से पूरी तरह लैस हैं.
 
इन वाहनों को हरी झंडी दिखाने के मौके पर सपदांगा ने सोमवार को कहा कि फॉरेंसिक के क्षेत्र में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है.
 
उन्होंने कहा कि 2012 के दिल्ली के ‘निर्भया मामले’ के बाद फॉरेंसिक विज्ञान का महत्व बढ़ गया जिसने वैज्ञानिक जांच की तत्काल आवश्यकता को उजागर किया.
 
उन्होंने कहा कि दिल्ली के सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद से देश में फॉरेंसिक क्षमताओं को मजबूत करने के लिए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं और मिजोरम फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला भी देश में त्वरित जांच एवं मामले की निगरानी प्रणाली को लागू करने वाली पहली प्रयोगशालाओं में से एक बनकर इस दिशा में कदम बढ़ा रही है.
 
अधिकारियों ने बताया कि मोबाइल वाहन फॉरेंसिक विभाग को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 के प्रभावी कार्यान्वयन में मदद करेंगे। यह एक नया आपराधिक कानून है जो पिछले साल जुलाई में लागू हुआ था और फॉरेंसिक जांच को अधिक महत्व देता है.
नए कानून के तहत फॉरेंसिक विशेषज्ञों को उन सभी मामलों में साक्ष्य प्रमाणित करने की आवश्यकता होगी, जिनमें सात वर्ष से अधिक के कारावास की सजा है.
अधिकारियों ने बताया कि 10 मोबाइल फॉरेंसिक वाहनों के अलावा केंद्र ने मिजोरम के लिए उन्नत उपकरणों के वास्ते 6.13 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.