कोलकाता
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय उत्पादों पर बढ़ाए गए उच्च शुल्क को लेकर सोमवार को भारतीय चाय उद्योग ने चिंता व्यक्त की है। उद्योग का मानना है कि इस अतिरिक्त टैक्स से भारत से अमेरिका की चाय निर्यात पर असर पड़ सकता है।
प्रमुख उद्योग संस्था इंडियन टी एसोसिएशन (ITA) ने बताया कि अमेरिका भारतीय चाय के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है। 2024 में अमेरिका ने भारत से 1.7 करोड़ किलोग्राम चाय आयात की थी, जबकि इस वर्ष मई तक निर्यात लगभग 62.6 लाख किलोग्राम पहुंचा है।
अमेरिका ने रूसी तेल की खरीद पर प्रतिबंध के तहत भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क 27 अगस्त से लागू कर दिया है, जिससे कुल कर दर 50 प्रतिशत हो गई है।
चाय उद्योग संगठन ने कहा कि इस 50 प्रतिशत शुल्क के कारण अमेरिका को चाय निर्यात सीमित हो सकता है। इसके अलावा, चाय की कीमतों में लगातार गिरावट, आयात का बढ़ना और निर्यात बाजार की अनिश्चितता पश्चिम बंगाल और असम के चाय उद्योग के लिए गंभीर खतरा है।
आईटीए ने पहले ही चाय के लिए न्यूनतम टिकाऊ मूल्य (MSP) लागू करने की मांग की है, ताकि उद्योग के हितों की सुरक्षा और दीर्घकालीन स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।
एसोसिएशन ने यह भी कहा कि ऑर्थोडॉक्स चाय के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन देना जरूरी है, क्योंकि इसकी वैश्विक मांग बढ़ रही है।
इसके साथ ही, सरकार से मांग की गई है कि श्रीलंका और इंडोनेशिया जैसे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा के लिए निर्यात बाजार में समान अवसर प्रदान किए जाएं, क्योंकि ये देश अपने निर्यातकों को सब्सिडी और अन्य प्रोत्साहन देते हैं।
इंडियन टी एसोसिएशन ने कम गुणवत्ता वाली चाय के आयात को रोकने और भारत-नेपाल जैसे व्यापार समझौतों की पुनर्समीक्षा की भी मांग की है।