आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
देश के खाद्य सेवा बाजार के 2030 तक 125 अरब डॉलर को पार कर जाने की संभावना है। इस दौरान संगठित क्षेत्र के अपने मौजूदा स्तर से दोगुना होने और असंगठित क्षेत्र को पीछे छोड़ने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
स्विगी और कियर्नी की 'हाउ इंडिया ईट्स' शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में देश में खाद्य सेवा बाजार 78 अरब डॉलर होने का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में यह बाजार 49 अरब डॉलर का था, और 2030 तक इसके 125 अरब डॉलर से अधिक तक पहुंचने की संभावना है।
इसमें कहा गया है कि संगठित क्षेत्र खाद्य सेवाओं की कुल वृद्धि में 60 प्रतिशत से अधिक योगदान देगा और असंगठित क्षेत्र को पीछे छोड़ देगा।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि जैसे-जैसे प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़ती है, खाद्य सेवाओं पर खर्च भी बढ़ता है। आने वाले सात वर्षों में भारत में इस खर्च में तेज बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
इसके अनुसार, भारत के खाद्य सेवा क्षेत्र में वृद्धि की व्यापक संभावनाएं हैं। वर्तमान में इसका जीडीपी में योगदान 1.9 प्रतिशत है, जबकि चीन में यह पांच प्रतिशत और ब्राजील में छह प्रतिशत है।