भारतीय कंपनियों की आय वृद्धि घट गई: ICICI बैंक रिपोर्ट

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 01-09-2025
Indian corporate earnings growth slows down: ICICI Bank report
Indian corporate earnings growth slows down: ICICI Bank report

 

नई दिल्ली, 1 सितंबर (एएनआई):

वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1FY26) में भारतीय कंपनियों की राजस्व वृद्धि घटकर 3.4% रह गई, जो पिछले 7 तिमाहियों का सबसे निचला स्तर है। यह जानकारी ICICI बैंक की एक रिपोर्ट में दी गई है।

रिपोर्ट में लगभग 3,000 सूचीबद्ध कंपनियों (निर्माण और सेवा क्षेत्र की) के तिमाही प्रदर्शन का विश्लेषण किया गया। इसमें कहा गया कि:“Q4FY25 में जहां राजस्व वृद्धि 5.1% थी, वहीं Q1FY25 में यह 6.8% थी। अब यह घटकर 3.4% रह गई है।”

निर्माण क्षेत्र में गिरावट

निर्माण क्षेत्र में राजस्व वृद्धि 5.7% से घटकर 2.8% रह गई।यह गिरावट मुख्य रूप से रिफाइनरी, ऑयल मार्केटिंग कंपनियों, तेल और गैस खोज और उर्वरक क्षेत्रों में कमोडिटी की कीमतों में गिरावट के कारण आई।

 सेवा क्षेत्र में भी सुस्ती

सेवा क्षेत्र में भी विकास की गति घटी है।Q1FY25 में जहां सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 11.3% थी, वहीं Q1FY26 में यह घटकर 5.8% रह गई।इसकी वजह व्यापार, परिवहन और रियल एस्टेट में आई सुस्ती रही।इसके अलावा, मानसून की जल्दी शुरुआत और रियल एस्टेट बिक्री में गिरावट ने भी असर डाला।

खर्च में भी गिरावट

रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों के कुल खर्च में भी गिरावट आई है।खर्च की वृद्धि दर घटकर 2.4% पर आ गई, जो 7 तिमाहियों में सबसे कम है।

 कैपेक्स सेक्टर को राहत

स्टील, सीमेंट और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी कैपेक्स-आधारित कंपनियों को सरकार द्वारा पूर्व खर्च (front-loading) के कारण राहत मिली।

 उपभोक्ता मांग आधारित क्षेत्रों पर दबाव

FMCG, क्यूएसआर (Quick Service Restaurants) और ऑटोमोबाइल्स जैसे उपभोक्ता मांग-आधारित क्षेत्रों को शहरी मांग में कमजोरी के कारण दबाव झेलना पड़ा।

 आईटी और रियल एस्टेट

  • आईटी सेक्टर अभी भी चुनौतियों का सामना कर रहा है।

  • रियल एस्टेट में प्रीमियम हाउसिंग की बढ़ती हिस्सेदारी के कारण राजस्व बढ़ा, लेकिन कुल बिक्री की मात्रा कम रही

 आगे का रास्ता

रिपोर्ट में कहा गया है कि:

  • नीतिगत समर्थन और जीएसटी दरों में प्रस्तावित बदलाव वर्ष की दूसरी छमाही में घरेलू मांग को बढ़ावा दे सकते हैं।

  • हालांकि, टेक्सटाइल जैसे निर्यात-आधारित क्षेत्रों का दृष्टिकोण अभी भी कमजोर बना हुआ है, विशेषकर अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि:“रिफाइनरी क्षेत्र में उच्च लाभप्रदता से GVA (Gross Value Added) में सहायता मिल सकती है, लेकिन उपभोग क्षेत्रों की कमजोर प्रदर्शन इन लाभों को आंशिक रूप से संतुलित कर सकता है।”