नयी दिल्ली
देश के शीर्ष नौ शहरों में अक्टूबर-दिसंबर 2025 की तिमाही में घरों की बिक्री में 16 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। रियल एस्टेट डेटा विश्लेषण कंपनी प्रॉपइक्विटी ने बुधवार को बताया कि इस तिमाही में कुल 98,019 इकाइयाँ बिकीं, जो पिछले वर्ष समान अवधि में 1,16,137 इकाइयों के मुकाबले कम हैं। यह जुलाई-सितंबर 2021 के बाद तिमाही आधार पर सबसे कम बिक्री है।
विश्लेषकों ने बताया कि बिक्री में गिरावट का मुख्य कारण मांग में कमी और आवासीय परियोजनाओं की नई पेशकश में कमी है। नवी मुंबई और दिल्ली-एनसीआर को छोड़कर अन्य सात प्रमुख शहरों – बेंगलुरू, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे और नवी मुंबई – में बिक्री में कमी देखी गई है। ये आंकड़े मुख्य रूप से प्राथमिक आवासीय बाजारों से संबंधित हैं।
प्रॉपइक्विटी के संस्थापक और सीईओ समीर जसूजा ने कहा, “पारंपरिक तौर पर अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में त्योहारों के कारण घरों की बिक्री में तेजी आती है और नई परियोजनाएँ पेश की जाती हैं। लेकिन इस बार हालिया गिरावट से पता चलता है कि खरीदार ‘प्रीमियम’ उत्पादों की ओर बढ़ रहे हैं। बिक्री मात्रा में कमी के बावजूद संपत्तियों के मूल्य में वृद्धि इसके स्पष्ट संकेत हैं।”
विशेषज्ञों के अनुसार, मूल्य वृद्धि के बावजूद कुल बिक्री में कमी का मतलब यह है कि खरीदार अब कम संख्या में, लेकिन उच्च मूल्य वाली परियोजनाओं में निवेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह रुझान प्रीमियम और मिड-टियर परियोजनाओं के बीच अंतर को दर्शाता है, जहां उच्च गुणवत्ता और बेहतर सुविधाओं वाली संपत्तियों की मांग बनी हुई है।
प्रॉपइक्विटी, एनएसई सूचीबद्ध कंपनी पी.ई. एनालिटिक्स लिमिटेड की सहायक इकाई है। कंपनी का मानना है कि आने वाले महीनों में भी प्रीमियम सेगमेंट की बढ़ती मांग और मात्रा में सीमित परियोजनाओं के कारण कीमतें स्थिर रह सकती हैं, जबकि कुल बिक्री में धीरे-धीरे सुधार आने की संभावना है।
इस प्रकार, भारत के प्रमुख शहरों में रियल एस्टेट बाजार में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कुल बिक्री में गिरावट आई है, लेकिन प्रीमियम और उच्च गुणवत्ता वाले घरों की मांग से संकेत मिलता है कि बाजार धीरे-धीरे स्थिर होने की दिशा में बढ़ रहा है।