नयी दिल्ली
विश्लेषकों का कहना है कि सोने की कीमतें आगामी सप्ताह में फिर से रिकॉर्ड ऊंचाई छू सकती हैं। बाजार की निगाहें अब अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों, फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के महत्वपूर्ण भाषण और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति बैठक पर टिकी हैं।
जेएम फाइनेंशियल के उपाध्यक्ष प्रणव मेर के अनुसार, सोना अब लंबे समय की सीमित चाल से बाहर निकलकर मजबूती दिखा रहा है। निवेशक वैश्विक विनिर्माण-सेवा आंकड़ों, अमेरिकी रोजगार डेटा और उपभोक्ता मनोदशा पर खास नज़र रखे हुए हैं। इसके साथ ही पॉवेल का सोमवार को प्रस्तावित भाषण, रूस-यूक्रेन वार्ता में प्रगति और शुक्रवार की आरबीआई बैठक बाजार की दिशा तय करेंगे।
पिछले सप्ताह एमसीएक्स पर फरवरी 2026 वायदा सोना 3,654 रुपये (2.9%) बढ़कर 1,29,504 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
एंजल वन के वरिष्ठ शोध अधिकारी प्रथमेश माल्या ने कहा कि रुपये की कमजोरी और घरेलू मांग—त्योहारों, शादियों और ज्वेलरी खरीद—ने सोने की कीमतों को मजबूती प्रदान की है। उन्होंने बताया कि वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा लगातार सोना खरीदे जाने से लंबी अवधि का परिदृश्य भी सकारात्मक बना हुआ है।
क्वांटेस रिसर्च के कार्तिक जोनागडला ने कहा कि सोना निवेशकों की भविष्य की ब्याज दरों को लेकर उम्मीदों का सीधा संकेतक है। दिसंबर में संभावित दर कटौती की आशा ने भाव को सहारा दिया है, हालांकि किसी भी नकारात्मक डेटा से तेजी उलट सकती है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी मजबूती दिखी और दिसंबर आपूर्ति वाले अनुबंध का सोना सप्ताहभर में 138.8 डॉलर (3.4%) चढ़कर 4,218.3 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ।
सोने की तुलना में चांदी का प्रदर्शन और चमकदार रहा। एमसीएक्स पर यह 10.83% उछली, जबकि विदेशी बाजार में चांदी 13.09% बढ़कर 56.44 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई।एमकेवाई ग्लोबल की रिया सिंह के अनुसार, फेड अधिकारियों की नरम टिप्पणियों और अमेरिकी डेटा में देरी ने निवेशकों की उम्मीद बढ़ाई है कि अगले महीने 0.25% ब्याज दर कटौती संभव है।