वैश्विक बाजार में सोने की कीमतों में 12 साल की सबसे बड़ी गिरावट

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 23-10-2025
Global gold prices fall to their lowest level in 12 years, with stronger dollar and trade talks bringing relief to investors.
Global gold prices fall to their lowest level in 12 years, with stronger dollar and trade talks bringing relief to investors.

 

नई दिल्ली

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में पिछले 12 वर्षों की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार (22 अक्टूबर) को एक दिन के कारोबार के दौरान सोने की कीमत 6.3% लुढ़ककर 4,000 डॉलर प्रति औंस के करीब पहुँच गई। यह गिरावट निवेशकों और बाजार विश्लेषकों दोनों के लिए चौंकाने वाली रही।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल की शुरुआत से अब तक सोने की कीमतों में करीब 55 से 57 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई थी। लेकिन अब अचानक आई इस बड़ी गिरावट ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। चांदी की कीमतों में भी इसी अवधि में गिरावट दर्ज की गई है।

फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि यह गिरावट मुख्य रूप से तकनीकी सुधार (technical correction) के कारण आई है। साथ ही अमेरिकी डॉलर की मजबूती, भू-राजनीतिक तनावों में कमी और चीन-अमेरिका व्यापार वार्ता की संभावनाओं ने भी सोने की मांग को कमजोर किया है।

बाजार के ताज़ा रुझानों के अनुसार, दिसंबर डिलीवरी के लिए सोने का वायदा (Gold Futures) लगभग 29.90 डॉलर या 0.73% घट गया, जबकि हाजिर सोने (Spot Gold) की कीमतों में भी उल्लेखनीय कमी देखी गई।

इस साल अब तक सोने के दामों में लगातार तेजी देखी जा रही थी, जिसने इसे निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बना दिया था। हालांकि, अब हालात बदलते दिखाई दे रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की संभावित चीन यात्रा और दोनों देशों के बीच व्यापारिक वार्ता की उम्मीदों ने बाजार में स्थिरता का संकेत दिया है। इससे निवेशकों की सुरक्षित निवेश (Safe Haven) के रूप में सोने की ओर झुकाव अस्थायी रूप से कम हुआ है।

आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि सोने की कीमतें आम तौर पर व्यापारिक तनाव, युद्ध के खतरे और केंद्रीय बैंकों की ब्याज दर नीतियों से प्रभावित होती हैं। जब भी वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बढ़ती है, निवेशक सोने की ओर रुख करते हैं। लेकिन जब भू-राजनीतिक जोखिम घटते हैं और बाजार में स्थिरता लौटती है, तो सोने की कीमतों में गिरावट आना स्वाभाविक है।

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अल्पकालिक (short-term) हो सकती है, और अगर वैश्विक परिस्थितियाँ फिर से अस्थिर हुईं, तो सोने की कीमतें दोबारा तेज़ी से उछाल ले सकती हैं।

(स्रोत: फाइनेंशियल टाइम्स)