आम बजटः खेत से मंडी तक रखा गया ध्यान

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 01-02-2021
आम बजटः खेत से मंडी तक रखा गया ध्यान
आम बजटः खेत से मंडी तक रखा गया ध्यान

 

नई दिल्ली. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को पेश आम बजट कई मायने में राहत पहुंचाने वाला है. कोराना महामारी में कृषि क्षेत्र ने देश और देश वासियों का बड़ा साथ दिया.अब बजट में कृषि व संबद्ध क्षेत्र का विशेष ध्यान रखा गया. कोरोना के संकट से देश की अर्थव्यवस्था को उबारने और आर्थिक विकास को रफ्तार देने के मकसद से केंद्र सरकार ने इस बजट में किसानों के लिए खेत से लेकर मंडी तक की व्यवस्था को मजबूत बनाने की कोशिश की है. वित्त मंत्री ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए नौ उपाय करने का प्रस्ताव किया है.

 

उन्होंने कहा कि बजट में नाबार्ड के अंतर्गत 5,000करोड़ रुपये की धनराशि के साथ सूक्ष्म सिंचाई कोष को 5,000करोड़ रुपये और बढ़ाकर इसे दोगुना करने का प्रस्ताव किया गया है.किसानों की आमदनी 2022तक दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर चल रही मोदी सरकार ने कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) द्वारा संचालित मंडियों को मजबूत करने के लिए कृषि इन्फ्रास्ट्रक्च र कोष उपलब्ध कराने का ऐलान किया है. साथ ही, देशभर की 1,000और मंडियों को ई-नाम से जोड़ने की घोषणा की गई है.

 

नये कृषि कानूनों से एपीएमसी मंडियों के अस्तित्व को लेकर  जो आशंका जाहिर की जा रही है, उसे दूर करने की दिशा में केंद्र सरकार का यह एक बड़ा कदम साबित होगा.वित्तमंत्री ने कहा कि, ‘‘इसमें करीब 1.68करोड़ किसान पंजीकृत हैं और ई-नाम के माध्यम से 1.14लाख करोड़ रुपये का व्यापार हो रहा है. पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा कायम करने के लिए 1,000और मंडियों को ई-नाम से जोड़ने का प्रस्ताव रखा गया है.‘‘

 

ऑपरेशन ग्रीन योजना के तहत जहां पहले खराब होने वाले सिर्फ 3उत्पाद थे, वहां अब 22और उत्पाद शामिल करने का ऐलान किया गया है. कृषि और संबद्ध क्षेत्र उत्पादों के मूल्य वर्धन और उनके निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, वित्तमंत्री ने ‘ऑपरेशन ग्रीन योजना‘ का दायरा बढ़ाकर 22खराब होने वाले उत्पादों को इसमें शामिल करने का प्रस्ताव किया है. इसमें अब तक टमाटर, प्याज और आलू (टॉप्स) शामिल थे.

 

सीतारमण ने कहा कि किसानों को पर्याप्त ऋण प्रदान करने के लिए, वित्तमंत्री ने वित्त वर्ष 2022में कृषि ऋण बढ़ाकर 16.5लाख करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि सरकार पशु पालन, डेयरी और मत्स्य पालन के लिए ऋण प्रवाह बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा.

 

सीतारमण ने मछली पकड़ने और मछली उतारने वाले केंद्रों के विकास में पर्याप्त निवेश का प्रस्ताव रखा. वित्तमंत्री ने कहा कि मछली पकड़ने के 5प्रमुख केंद्रों - कोच्चि, चेन्नई, विशाखापतनम, पारादीप, और पेटुआघाट- को आर्थिक गतिविधि केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. उन्होंने जल क्षेत्र में मछली पकड़ने के केंद्रों तथा नदी के तटों और जलक्षेत्रों में मछली उतारने के केंद्र विकसित करने का भी प्रस्ताव रखा.

इसके अलावा समुद्री घास की खेती में संभावना को पहचानते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि यह एक उभरता हुआ क्षेत्र है, जिसमें तटवर्ती समुदायों के लोगों का जीवन बदलने की संभावना है. यह बड़े पैमाने पर रोजगार और अतिरिक्त आमदनी प्रदान करेगा. समुद्री घास की खेती को बढ़ावा देने के लिए, सीतारमण ने तमिलनाडु में एक बहुउद्देश्यीय समुद्री घास पार्क विकसित करने की घोषणा की.

उन्होंने अपने बजट भाषण के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से फसलों की खरीद में हुई वृद्धि के तुलनात्मक आंकड़े पेश करते हुए इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा सरकार एमएसपी की मौजूदा व्यवस्था को बनाए रखेगी.