वित्तीय स्थिरता में बाधा उत्पन्न करती है क्रिप्टोकरेंसी : आरबीआई गवर्नर

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 06-06-2025
Cryptocurrency poses a hindrance to financial stability: RBI Governor
Cryptocurrency poses a hindrance to financial stability: RBI Governor

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय बैंक, क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चिंतित है क्योंकि इससे वित्तीय स्थिरता बाधित हो सकती है.
 
चालू वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करने के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान मल्होत्रा से क्रिप्टोकरेंसी पर उच्चतम न्यायालय की पिछले महीने की गई टिप्पणी के बाद के उत्पन्न घटनाक्रम के बारे में पूछा गया था. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो के मामले में बताने के लिए अभी कुछ नया नहीं है. मल्होत्रा ने कहा, ‘‘ सरकार की एक समिति इस पर नजर रख रही है. बेशक, जैसा कि आप जानते हैं हम क्रिप्टो के बारे में चिंतित हैं क्योंकि यह वित्तीय स्थिरता और मौद्रिक नीति को बाधित कर सकती है.. शीर्ष न्यायालय ने केंद्र को क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए एक ‘स्पष्ट’ नीति तैयार करने का पिछले महीने निर्देश दिया था. न्यायालय ने अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव को भी रेखांकित किया था. उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने बिटकॉइन व्यापार को ‘हवाला’ कारोबार की तरह ही अवैध व्यापार करार दिया था.
 
भारत, वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक चर्चा पत्र पर काम कर रहा है और एक अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) वैश्विक मानदंडों पर गौर कर रही है. इस अंतर-मंत्रालयी समूह में आरबीआई, बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और वित्त मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं. इसको लेकर कोई कानून न होने के कारण क्रिप्टोकरेंसी अभी तक भारत में अवैध नहीं है. भारत के क्रिप्टोकरेंसी पर नीतिगत रुख तय करने से पहले यह ‘चर्चा पत्र’ हितधारकों को अपने विचार प्रस्तुत करने का अवसर देगा. सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले लाभ पर 30 प्रतिशत का सपाट कर लगाने की 2022 में घोषणा की थी। क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर कर लगाने का मतलब इसे वैध ठहराना नहीं है.
 
भारत में वर्तमान में क्रिप्टो संपत्तियां नियमों के दायरे में नहीं है..बल्कि इस पर धन शोधन रोधी कानून के नजरिये से गौर किया जा रहा है. इसके अलावा, ऐसी डिजिटल संपत्तियों में कारोबार से होने वाली आय पर आयकर और टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाया जाता है. साथ ही क्रिप्टोकरेंसी कारोबार पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) भी लागू है. गौरतलब है कि चार मार्च 2021 को उच्चतम न्यायालय ने आरबीआई के छह अप्रैल 2018 के एक परिपत्र को रद्द कर दिया था. इस परिपत्र के जरिये बैंकों एवं आरबीआई द्वारा विनियमित संस्थाओं पर आभासी मुद्राओं संबंधी सेवाएं प्रदान करने को लेकर रोक लगाई गई थी.