अदालत ने टैक्सी सेवा कंपनी को आरआईएल के ‘जियो’ ट्रेडमार्क के इस्तेमाल से रोका

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 09-10-2025
Court restrains taxi hailing company from using RIL's 'Jio' trademark
Court restrains taxi hailing company from using RIL's 'Jio' trademark

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
बंबई उच्च न्यायालय ने एक कंपनी पर टैक्सी सेवाओं के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के स्वामित्व वाले ‘जियो’ ट्रेडमार्क का उपयोग करने से रोक लगा दी है।
 
अदालत ने अंतरिम आदेश में डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटजेआईओसीएबीएसडॉटकॉम डोमेन नाम के तहत दी जा रही टैक्सी सेवाओं के लिए 'जियो' ट्रेडमार्क का उपयोग करने से रोक लगाई है।
 
न्यायमूर्ति सोमशेखर सुंदरेशन की पीठ ने मंगलवार को कहा कि आरआईएल ने प्रथम दृष्टया मजबूत मामला पेश किया है। अनधिकृत पक्षों द्वारा मशहूर डिजिटल एवं मोबाइल सेवा ब्रांड का निरंतर उपयोग इसकी साख को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
 
अदालत ने कहा कि एक मशहूर और संरक्षित ब्रांड नाम का उपयोग वास्तव में (उसके मालिक को) गंभीर नुकसान पहुंचाएगा।
 
यह आदेश आरआईएल की ओर से दायर उस याचिका पर पारित किया गया, जिसमें दावा किया गया था कि वह ‘जियो’ ब्रांड का पंजीकृत मालिक है।
 
ऊर्जा से दूरसंचार क्षेत्र में कारोबार करने वाली इस कंपनी ने तर्क दिया कि ‘जियोकैब्स’ चिह्न और उससे संबंधित डोमेन नाम का उपयोग ट्रेडमार्क उल्लंघन और ‘पासिंग ऑफ’ (किसी प्रसिद्ध ब्रांड की नकल करके अपनी सेवाएं देने) के समान है।
 
अदालत ने अंतरिम आदेश में डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटजेआईओसीएबीएसडॉटकॉम डोमेन नाम के तहत दी जा रही टैक्सी सेवाओं के लिए 'जियो' ट्रेडमार्क का उपयोग करने से रोक लगाई है।
 
न्यायमूर्ति सोमशेखर सुंदरेशन की पीठ ने मंगलवार को कहा कि आरआईएल ने प्रथम दृष्टया मजबूत मामला पेश किया है। अनधिकृत पक्षों द्वारा मशहूर डिजिटल एवं मोबाइल सेवा ब्रांड का निरंतर उपयोग इसकी साख को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
 
अदालत ने कहा कि एक मशहूर और संरक्षित ब्रांड नाम का उपयोग वास्तव में (उसके मालिक को) गंभीर नुकसान पहुंचाएगा।
 
यह आदेश आरआईएल की ओर से दायर उस याचिका पर पारित किया गया, जिसमें दावा किया गया था कि वह ‘जियो’ ब्रांड का पंजीकृत मालिक है।
 
ऊर्जा से दूरसंचार क्षेत्र में कारोबार करने वाली इस कंपनी ने तर्क दिया कि ‘जियोकैब्स’ चिह्न और उससे संबंधित डोमेन नाम का उपयोग ट्रेडमार्क उल्लंघन और ‘पासिंग ऑफ’ (किसी प्रसिद्ध ब्रांड की नकल करके अपनी सेवाएं देने) के समान है।