गिरिजा शंकेर शुक्ल/बरेली
बरेली की घनी आबादी वाले इलाके हाजियापुर की तंग गलियों में चाय की चुस्कियों और साइकिल की घंटियों के बीच एक अनोखी डिजिटल क्रांति आकार ले रही है. यहां न कोई स्टार्टअप है, न कोई ग्लास की बिल्डिंग वाला आईटी पार्क. लेकिन फिर भी यहां से निकले कुछ आम लोग, अपनी कहानियों और किरदारों के दम पर करोड़ों की कमाई कर रहे हैं.
ये वो लोग हैं, जो कभी दिनभर मेहनत करने के बाद 200-400 रुपये लेकर घर लौटते थे. आज उनके यूट्यूब चैनल्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लाखों-करोड़ों सब्सक्राइबर हैं, और हर दिन इनके वीडियो पर मिलते हैं दस-दस लाख व्यूज़. आइए जानते हैं इन डिजिटल सितारों की कहानियां, जो किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं लगतीं.
1. जावेद हुसैन : मजदूर से कॉमेडी किंग तक
कभी दिहाड़ी मजदूरी करने वाले जावेद हुसैन आज एक मशहूर यूट्यूबर हैं. पहले जहां वह रोज़ 200-300 रुपये कमाते थे, अब उनके चैनल @javedhussain665 पर 5.6 मिलियन (56 लाख) सब्सक्राइबर हैं.
कॉमेडी स्किट्स बनाने वाले जावेद अब खुद एक टीम चलाते हैं . दूसरों को भी काम दे रहे हैं. उनका कहना है, “कभी सोचा नहीं था कि ये मेरा पेशा बनेगा. आज यही मेरी पहचान है.”
2. मोविन चाचा : कबाड़ से यूट्यूब तक का सफर
65 वर्षीय मोविन अंसारी पहले कबाड़ बीनकर गुज़ारा करते थे. लेकिन 2022 में उन्होंने 'चाचा' नाम से यूट्यूब चैनल शुरू किया. देखते ही देखते 7 लाख से ज़्यादा सब्सक्राइबर तक पहुंच गए.
वो कहते हैं, “मैंने ज़िंदगी में बहुत दर्द देखा है. अब मैं अपने हंसमुख अंदाज़ को वीडियोज़ में उतारता हूं. वीडियो की कमाई से मैंने बेटी की शादी भी करवाई है.”
3. ईशान अली : बेरोजगार MBA से यूट्यूब सुपरस्टार
एमबीए और पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएट ईशान अली को नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने @IshaanAli11 चैनल शुरू किया. आज उनके पास हैं 3.6 करोड़ (36 मिलियन) सब्सक्राइबर, और वो भारत के टॉप कंटेंट क्रिएटर्स में शामिल हो चुके हैं.
उनके छोटे भाई आदिल अली का भी चैनल है, जिस पर 1.2 मिलियन (12 लाख) सब्सक्राइबर हैं. पहले उनके पिता साइकिल मैकेनिक थे. घर तक नहीं बना पाए थे, लेकिन अब दोनों भाई मिलकर करोड़ों कमा रहे हैं.ईशान कहते हैं, “मेरा सपना था कि लोग मेरे इर्द-गिर्द उसी तरह जमा हों जैसे सलमान खान के आस-पास होते हैं. अब वो सपना पूरा हो रहा है.”
4. अरशद अली : पेंटर से कॉमेडी क्रिएटर तक
23 साल के अरशद अली कभी दीवारों पर पेंट करके 400-500 रुपये रोज़ कमाते थे. आज वह अपने चैनल @OfficialArshadAli11 पर छोटे-छोटे कॉमिक वीडियोज़ बनाते हैं और उनके 10 लाख (1 मिलियन) से ज़्यादा सब्सक्राइबर हैं.वो कहते हैं, “लोग हंसते हैं. खुश होते हैं और वही मेरी असली कमाई है.”
5. आकाश कुमार : जिस पत्रकार को जगह नहीं मिली, उसने खुद मंच बना लिया
29 वर्षीय आकाश कुमार एक प्रशिक्षित पत्रकार हैं जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया में काम नहीं मिला. उन्होंने फेसबुक और यूट्यूब पर 'The Gali Mohalla Show' शुरू किया, जिसमें वह ग्रामीण और उपेक्षित इलाकों की समस्याओं को रिपोर्ट करते हैं.
अब उनके वीडियोज़ पर हर दिन 10 लाख से अधिक व्यूज़ आते हैं. वह इस माध्यम से न सिर्फ कमाई कर रहे हैं बल्कि लोगों की आवाज़ भी बन गए हैं. आकाश कहते हैं, “पहले मैं मीडिया हाउस को दिखाना चाहता था कि मैं अच्छा रिपोर्टर हूं, अब वही लोग मेरे शो को फॉलो करते हैं.”
कबाड़, पेंट और पत्रकारिता से करोड़ों तक
हाजियापुर की ये कहानियां सिर्फ सफलता की मिसाल नहीं हैं, बल्कि ये बताते हैं कि डिजिटल इंडिया अब सिर्फ तकनीकी शब्द नहीं, बल्कि हकीकत है. यहां कबाड़ बीनने वाले, पेंटर, मजदूर और बेरोजगार युवा – सबने स्मार्टफोन और इंटरनेट को अपने हुनर का मंच बनाया.
ना कोई गॉडफादर, ना कोई सेटअप
आज जहां बड़े शहरों में लोग मोटी तनख्वाहों वाली नौकरी पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं यूपी के इस छोटे से इलाके के ये लोग अपने मोबाइल कैमरे से करोड़ों की दुनिया रच रहे हैं.हाजियापुर अब सिर्फ बरेली का इलाका नहीं, बल्कि भारत की डिजिटल क्रांति का नया चेहरा बन चुका है.