जामिया मिडिल स्कूल में नुक्कड़ नाटक “सोने पे सुहागा” का मंचन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 10-12-2025
Street play
Street play "Sone Pe Suhaaga" was staged at Jamia Middle School.

 

नई दिल्ली

ए.जे.के. मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर (AJK MCRC), जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एम.ए. डेवलपमेंट कम्युनिकेशन कार्यक्रम के छात्रों ने 4 दिसंबर 2025 को सुबह 9:00 बजे जामिया मिडिल स्कूल में “सोने पे सुहागा” शीर्षक से नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया। यह प्रस्तुति प्रथम सेमेस्टर के बीस छात्रों द्वारा उनके संकाय सदस्य डॉ. प्रगति पॉल और सुश्री कशिश सिंह के निर्देशन में तैयार की गई थी।

नुक्कड़ नाटक का उद्देश्य ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। कहानी का केंद्र उन व्यक्तियों के वास्तविक अनुभवों पर आधारित था जो ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम पर हैं, उनके परिवारों की चुनौतियों पर और समाज की भूमिका पर—जो समझ, संवेदनशीलता और स्वीकार्यता को बढ़ावा दे सकती है। छात्रों ने प्रभावशाली अभिनय के माध्यम से संचार, सामाजिक संपर्क और व्यवहार से जुड़ी कठिनाइयों को उजागर किया और अधिक सहानुभूति एवं समावेशन की वकालत की।

कार्यक्रम में जामिया मिडिल स्कूल की हेडमिस्ट्रेस सुश्री नुसरत जहाँ, शिक्षकगण और स्कूल के विद्यार्थी उपस्थित थे। हेडमिस्ट्रेस ने छात्रों के आत्मविश्वासपूर्ण प्रदर्शन, टीम वर्क और सार्थक संदेश की सराहना की। स्कूल समुदाय ने इस नाटक को ज्ञानवर्धक और प्रभावी बताया, विशेषकर युवा विद्यार्थियों के लिए जिन्होंने ऑटिज़्म के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की।

यह आयोजन AJK MCRC और जामिया मिडिल स्कूल के बीच सहयोगात्मक संबंधों को और मजबूत करने वाला साबित हुआ। कार्यक्रम के सुचारु संचालन में सुश्री अंदलीब फ़ातिमा, सुश्री सादफ़ ख़ान, तथा एम.ए. डेवलपमेंट कम्युनिकेशन के छात्रों का सहयोग महत्वपूर्ण रहा।

“सोने पे सुहागा” ने यह सिद्ध किया कि डेवलपमेंट कम्युनिकेशन में नुक्कड़ नाटक एक प्रभावी माध्यम है—जो जागरूकता फैलाने, संवाद को प्रोत्साहित करने और एक अधिक समावेशी समाज की दिशा में जन-सहभागिता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है।