रहमानी-30 की इंजीनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षाओं में शानदार सफलता

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 14-11-2021
रहमानी-30 की इंजीनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षाओं में शानदार सफलता
रहमानी-30 की इंजीनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षाओं में शानदार सफलता

 

मंसूरुद्दीन फरीदी / नई दिल्ली

लॉकडाउन  में शैक्षिक गतिविधियों के अभाव के बावजूद  रहमानी-30 के  शिक्षकों और प्रशासन के अथक परिश्रम के कारण अनुपयुक्त वातावरण में भी रहमानी-30 के छात्र -छात्राओं ने धमाकेदार सफलता प्राप्त की है . कई प्रकार की कठिनाइयों के बावजूद अच्छा रैंक प्राप्त किया है और एक मिसाल कायम की है.  रहमानी-30  के छात्र  छात्राओं  की इस उल्लेखनीय उपलब्धि से पता चलता है कि संसाधनों की कमी और विपरीत परिस्थितियों में भी, अगर कोई साहस और धैर्य  के साथ काम करता है और अल्लाह पर भरोसा करके कड़ी मेहनत करता है, तो उसे बड़ी सफलता मिलती है. संसाधनों की कमी और परिस्थितियों के विपरीत होने से सफलता में कोई रुकावट नहीं आती है .

रहमानी-30 के छात्र छात्राओं ने इंजीनियरिंग की स्नातक स्तर की  सबसे कठिन परीक्षाओं  में से एक JEE Advanced में कोविड के बावजूद आश्चर्यजनक सफलता अर्जित की है. इस परीक्षा में रहमानी-30 के कुल 134 विद्यार्थियों ने भाग लिया था, जिसमें 68 विद्यार्थी सफल हुए  जबकि पिछले वर्ष 55 छात्रों तथा छात्राओं ने सफलता प्राप्त की थी. इसके अतिरिक्त JEE Main में कुल 218 विद्यार्थियों ने भाग लिया था, जिसमें 185 विद्यार्थी सफल हुए हैं . JEE Main में 113 छात्र 90 पर्सेंटाइल  या उससे ऊपर रहे. हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सराहनीय प्रदर्शन के साथ छात्रों के बहुत अच्छे रैंक भी आए हैं . 

ज़ोरेज़ अहमद ने  JEE Advanced में 28 कैटेगरी रैंक अर्जित करते हुए ऑल इंडिया 393 रैंक प्राप्त किया. जबकि इन्होंने जेईई मेन्स में कैटेगरी रैंक 67 तथा ऑल इंडिया रैंक 712 प्राप्त किया. छात्राओं में मंतशा फिरदौस ने अच्छे नंबर से कामयाबी प्राप्त की है . इसके अलावा फिजिक्स में शाहनवाज़ हुसैन  कैमेस्ट्री में ज़ेया बिलाल रैयान सुलेमान और मैथ में रैयान सुलेमान ने शत प्रतिशत पर्सेंटाइल के साथ JEE Main में सफलता प्राप्त की है  अमन अहमद ने WBJEE इंजीनियरिंग में कैटेगरी रैंक 09 तथा ऑल इंडिया रैंक 720 और फार्मेसी में कैटेगरी रैंक 10 ऑल इंडिया रैंक 712 प्राप्त किया है .

आईआईटी अर्थात इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी देश का सर्वोच्च तथा सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान है तथा यह इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस में भी  सबसे प्रमुख है . आईएनआई कैटेगरी भारतीय संसद के एक ऐक्ट के द्वारा स्थापित की गई थी . जिसका उद्देश्य भारतीय नवोन्मेष की निरंतर सफलता के लिए आवश्यक शैक्षणिक संस्थानों को मान्यता और विशेष वित्त पोषण प्रदान करना है . आईएनआई में उपर्युक्त प्रतियोगी परीक्षा देकर, छात्र उन्नत शिक्षा, उपयुक्त शोध सुविधाओं और अंतरराष्ट्रीय शोध के अवसरों का लाभ उठा सकते हैं. ज्ञात हो  कि आईएनआई में शिक्षा व्यावहारिक रूप से मुफ्त या अत्यधिक सब्सिडी वाली है.

रहमानी प्रोग्राम ऑफ एक्सीलेंस (रहमानी-30) की पूरी टीम कोविड-19 की इस वैश्विक महामारी के दौरान इन उत्कृष्ट परिणामों से प्रोत्साहित और संतुष्ट है. लगातार दो सालों  में होने वाले दो लॉकडाउन ने जीवन के अन्य क्षेत्रों की तरह, शैक्षिक गतिविधियों को भी राष्ट्रीय स्तर पर  बुरी तरह प्रभावित किया है. कोचिंग सेंटर  से सभी छात्रों को दो दो  बार घर भेजा गया. परंतु रहमानी प्रोग्राम ऑफ एक्सीलेंस के प्रबंधकों ने दोनों लॉकडाउन में ऑनलाइन क्लास और टेस्ट की व्यवस्था जारी रखी. और यह सुनिश्चित किया कि प्रत्येक बच्चे के पास एक इंटरनेट उपकरण हो, जिसके माध्यम से वे अपनी कक्षा जारी रख  सकें, कक्षा की रिपोर्ट लिख सकें और परीक्षा दे सकें. छात्रों के साथ सुबह-शाम काफी काम किया गया. हालांकि यदि कंप्यूटर, स्थिर इंटरनेट, बिजली की उपलब्धता आदि जैसे संसाधनों की और बेहतर व्यवस्था होती तो छात्रों का प्रदर्शन  और अधिक बेहतर होता.

रहमानी प्रोग्राम ऑफ एक्सीलेंस देश के कई शहरों जैसे पटना, जहानाबाद (बिहार), औरंगाबाद, खुल्दाबाद (महाराष्ट्र) में काम कर रहा है और बैंगलोर में कई मेडिकल और इंजीनियरिंग सेंटर मुस्लिम अल्पसंख्यक छात्रों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. इन सेंटरों  में देश के विभिन्न प्रांतों के अलावा विदेशों से भी एनआरआई छात्र रहमानी प्रोग्राम ऑफ एक्सीलेंस की देखरेख में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. रहमानी-30  का उत्कृष्ट कार्यक्रम प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता की गारंटी बन गया है.

रहमानी प्रोग्राम ऑफ एक्सीलेंस (रहमानी-30), अपने संरक्षक संगठन, रहमानी फाउंडेशन के साथ, अल्प संख्यक समुदाय की शैक्षिक हताशा को आशा और विश्वास में प्रभावी रूप से बदल रहा है, जिससे हर गुजरते साल के साथ इसकी सीखने की प्रक्रिया और अधिक प्रभावी हो रही है. रहमनी 30 के अभिभावक तथा संरक्षक हज़रत अमीरे शरीअत मौलाना अहमद वली फ़ैसल रहमानी साहब ने इस अवसर पर  सफल होने वाले छात्र छात्राओं को मुबारकबाद  देते हुए अपने संदेश में कहा कि निश्चित तौर पर यह सब मोफक्किर-ए- इस्लाम बिहार ओड़ीशा एवं झारखंड के सातवें अमीर-ए- शरीअत हज़रत मौलाना मोहम्मद वली रहमानी साहब रहमतुल्लाह अलैह संस्थापक रहमानी-30 की दुआओं के कबूल होने और मुस्लिम छत्रों के उज्जवल भविष्य के लिए उन के द्वारा देखे गए सपनों का साकार होने का प्रमाण है.

जनाब फहद रहमानी (सीईओ रहमानी-30) ने कहा कि निश्चित रूप से यह उपलब्धि बिहार के पूर्व डीजीपी श्री अभियानन्द जी के अथक प्रयास, कुशल नेतृत्व तथा मार्गदर्शन के साथ साथ संकाय, प्रबंधन तथा अन्य कर्मचारियों के अथक परिश्रम  और छात्रों और उनके अभिभावकों के द्वारा  लक्ष्य को पहचानने और आपसी सहयोग से ही संभव हो सकी  है. उन्होंने कहा कि हम सभी के सहयोग के बिना ऐसी ऐतिहासिक उपलब्धि कदापि संभव नहीं होती. जनाब फहद रहमानी साहब ने इस अवसर पर अपने दिवंगत पिता जी  हज़रत मौलाना मोहम्मद वली रहमानी साहब को याद करते हुए कहा कि एक अवसर पर मैं इस वर्ष के परिणाम से मायूस हो गया था परंतु पिता जी ने मुझे हौसला दिया . उन की बातों से ही हिम्मत पा कर जो टूटे फूटे संसाधन थे उन के साथ कार्य आरंभ कर दिया  और अल्लाह ने यह सफलता प्रदान की है, जिस पर आज विशेषज्ञों को आश्चर्य हो रहा है. उन्होंने कहा कि रहमानी-30  इंशाअल्लाह,अपने तमाम पिछले रिकॉर्ड से  बेहतर प्रदर्शन करेगा.