साइकोलॉजी एक्सपर्ट्स ने कहा, बच्‍चों को सोशल मीडिया से दूर करने में मदद करें पेरेंट्स

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 23-04-2024
Psychology experts said, parents should help children away from social media.
Psychology experts said, parents should help children away from social media.

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली 

19 साल के शिवांश की मौत के बाद सोशल मीडिया पर रील ब्लॉक टाइम पानी की झील में उतरे कलाकार ने माता-पिता से लेकर दोस्ती के साथ मिलकर काम करने को कहा है, 19 साल के शिवांश की मौत के बाद विचारधारा विशेषज्ञ ने माता-पिता से दोस्ती के साथ काम करने को कहा है, प्लास्टिक युवा अपनी जान जोखिम में कलाकार भी सोशल मीडिया पर पहचान बनाने को लेकर क्रेजी हैं.
 
क्लिनिकल एसोसिएटेड एंड नेशनल यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान विभाग के पूर्व प्रमुख प्रोफेसर पल्लवी भटनागर ने कहा कि युवा केवल ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं, लेकिन फिर भी वे इसके लिए संबंध खोना पड़े.
 
सूद ने कहा, ''तेजी से धीरे-धीरे दुनिया में अलग-अलग प्रभावित हो रहे हैं, ऐसे में युवा पहचान और अपनेपन की लॉकश में सोशल मीडिया की ओर रुख करते हैं. उन्हें लगता है कि अनोखी चीजें बनाने से वे लोगों का ध्यान आकर्षित करेंगे. ऐसे में इसकी लता लग जाती है. इससे वे लगातार लोगों की तस्वीरें अपनी ओर आकर्षित करने के लिए होटलों से आगे की ओर जाते हैं.''
 
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजी फ़रिश्ता) के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर आदर्श त्रिपाल ने कहा, ''सोशल मीडिया की लता से दोस्ती निभा रहे और आत्महत्या की भावना बनाए रखने वाले पांच से छह युवा मरीज़ रोज़ मेरे पास आते हैं. वे जोखिम भरा सामान बनाते हैं, जिसे लोग देखना चाहते हैं.''
 
विशेषज्ञ का कहना है कि सोशल मीडिया पर एक तरह से मस्तिष्क में डोपामाइन की मात्रा पाई जाती है.
 
प्रोफेसर भटनागर ने सुझाव दिया है कि माता-पिता को इन सभी अनाचारों से बाहर रखा जाना चाहिए ताकि उनके रिकॉर्ड को इंटरनेट पर बहुत पसंद न किया जा सके. स्मारकों में भी नामांकित लेकर समूह चर्चा की व्यवस्था की उत्पत्ति होनी चाहिए, ताकि सूचीबद्ध उन जोखिम भरे कारोबार से सीधे जा सकें.
 
प्रोफेसर ट्रिपल ने सोशल मीडिया के साथ मिलकर एक वीडियो अपलोड किया है.
 
उन्होंने कहा, ''आउटडोर गेम से रील बनाना या उसे देखने की इच्छा को कम करने में मदद मिल सकती है.''
 
एक अवलोकन में यह बात सामने आई है कि यूपी बोर्ड के सभी स्कोरर सोशल मीडिया से दूर रहते हैं.
 
टॉपर्स ने कहा कि बोर्ड की तैयारी डेली रिव्यूज के बिना अधूरी है और इंटरनेट व कोचिंग क्लास की पीछे की पढ़ाई के बजाय क्लास की पढ़ाई पर भरोसा करना चाहिए.
 
लगभग सभी टॉपर्स ने कहा कि वे सोशल मीडिया पर सक्रिय जीवन के बजाय किताबें पढ़ना पसंद करते हैं.