कश्मीर के बिलाल अहमद उपलब्ध कराएंगे सौर ऊर्जा से चलने वाली सस्ती लक्जरी कार

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 1 Years ago
कश्मीर के बिलाल अहमद उपलब्ध कराएंगे सौर ऊर्जा से चलने वाली सस्ती लक्जरी कार
कश्मीर के बिलाल अहमद उपलब्ध कराएंगे सौर ऊर्जा से चलने वाली सस्ती लक्जरी कार

 

 बासित जरगर/श्रीनगर

मिलीए, कश्मीरी शिक्षक बिलाल अहमद से. वह इस सूबे केइकलौते व्यक्ति हैं जिन्होंने सोलर कार का आविष्कार किया है. इसके बाद से इनकेहौसले बुलंद हैं और अपनी कार कंपनी स्थातिप करने की योजना बना रहे हैं. 

बिलाल ने इस प्रोजेक्ट कोसाकार करने में 11 साल से अधिक समयलगाए हैं. अपने सफलता से वह इतन उत्साहित हैं कि उन्हें कभी भी अपनी सोलर कार सड़कोंपर दौड़ाते देखा जा सकता है. उनकी कार में सोलर पैनल लगे हुए. बिलाल अहमद नेइस धारणा को तोड़ दिया है कि केवल अभिजात वर्ग ही शानदार सवारी का कहदार है.

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मगर गणित के शिक्षक बिलाल अहमदने सौर ऊर्जा से चलने वाली एक ऐसी शानदार कार का निमार्ण किया है, जिसकी सवारी आम आदमी भी कर सकता है.  श्रीनगर के सनत नगरनिवासी बिलाल अहमद कहते हैं कि उनकी कार में कुछ और सुधार की जरूरत है, जिसपर काम चल रहा है. 

उन्होंने सौर ऊर्जा कारबनाने के आइडिया के बारे में बताया कि उन्होंने 1950 के बाद बनाई गई विभिन्न शानदार कारों का गहराई से अध्ययनकिया. इसके लिए डेलोरियन नाम के एक इंजीनियर और इनोवेटर से भी जानकारी इकट्ठी की.यही नहीं सौर ऊर्जा कार के निर्माण में डीएमसी नामक कंपनी से भी मदद ली.

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कंपनी नेही उन्हें एक ऐसी कार बनाने को प्रेरित किया जो कमखर्चीला और आम आदमी की पकड़ मंेहो.  उन्होंने कहा, मर्सिडीज, फेरारी, बीएमडब्ल्यू जैसी कारें आम आदमी के लिए किसी सपने से कमनहीं . कुछ लोग ही इसे वहन कर सकते हैं, जबकि दूसरों के लिए ऐसी कारों को चलाना और उसमें सवारी करना असंभव सा है .

 बिलाल कहते हैं,उन्होंने अपनी कार कोशानदार लुक देने की योजना बनाई है. जल्द ही इसपर और काम किया जाएगा. उन्होंने नईयोजना पर काम करना भी शुरू कर दिया. विभिन्न वीडियो देखकर इसे संशोधित किया और कुछसुविधाओं को जोड़ा जाएगा.  

उन्होंने बताया किशुरुआत में वह विकलांगोंके लिए खास तरह की कार का निमार्ण करना चाहते थे, लेकिन उनकी आर्थिक दशा ने इसकी अनुमति नहीं दी. इसके बाउ उन्होंने अपना आइडिया बदल दिया. तब सरकार ने भी विकलांगों की कार के निर्माण मेंकोई मदद नहीं की.

विकलांगों की कार बनाने में लागत अधिक आ रहा था, आर्थिक रूप से मजबूत नहीं होने के कारणउन्होंने इरादा बदल दिया. इसके बाद ईंधन की बढ़ती कीमत को ध्यान में रखते हुए सौरऊर्जा से चलने वाली कार का निर्माण षुरू कर दिया.

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इसके लिए 2019 में, वह सोलर पैनल बनाने वाली चेन्नई की कंपनी के संपर्क आए. साथ ही क्षेत्र के कईविशेषज्ञों के साथ शोध और विचार-मंथन भी किया.वह बताते हैं, कश्मीर में, ज्यादातर समय मौसम उदास यानी बादलों से घिरा रहता है.

इसलिएमैंने कार निर्माण में ऐसे सौर पैनलों का इस्तेमाल किया है जो कम धूप में भी उच्चदक्षता से काम कर सके. कार प्रोटोटाइप नहीं बनाई गई है. यह पूरी तरह एक शानदार कारहै.  वह बताते हैं कि बाजारमें उपलब्ध दूसरी लग्जरी कारों की कीमत करोड़ों में है.

इसलिए वह चाहते थे कि इनकाकिफायती आविष्कार आम लोगों के लिए सुलभ हो. लोग सस्ती कीमतों पर उन्नत तकनीक काउपयोग कर सकें. उन्होंने बताया कि अपनेउत्पादन को विस्तार देने लिए वह एक कंपनी स्थापित करने जा रहे हैं, जिससे कश्मीर के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरपैदा होंगे.

उन्होंने कंपनी का नाम भी तय कर लिया है-वाईएमसी. यह उनके बच्चों योशाऔर मैशा के नाम पर आधारित होगा. उनकी कंपनी आम लोगों के लिए लग्जरी कारें बनाएगी.