आसिफ नगर, हैदराबाद
मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (मानू) के जेंडर चैंपियन क्लब की ओर से अरस्तू जूनियर एंड डिग्री कॉलेज, आसिफ नगर में “Equal Mind, Equal Rights: Integrative Mental Health Awareness with Gender Equality” विषय पर एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य, आत्म-जागरूकता और लैंगिक समानता के प्रति संवेदनशील बनाना था।
कार्यक्रम का समन्वय डॉ. आयशा उज़्मा ने किया, जिन्हें उनकी टीम के सदस्यों उमर अब्दुल्ला, उम्मे हानी, शाह सऊद और लसीरा का सहयोग प्राप्त हुआ। आयोजन को सुव्यवस्थित और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एसोसिएट प्रोफेसर सिद्धार्थ के. गांगले (विभाग – सोशल वर्क, मानू) रहे। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य पर विस्तृत व्याख्यान देते हुए अपने संबोधन की शुरुआत इस प्रश्न से की— “माइंड यानी मन क्या है और यह कहां होता है?”। उन्होंने छात्रों को ब्रेन (मस्तिष्क) और माइंड (मन) के बीच अंतर समझाया और बताया कि तनाव (Stress) के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू होते हैं।
उन्होंने परीक्षा से जुड़े दबाव, टेस्ट स्ट्रेस और मानसिक तनाव से निपटने के व्यावहारिक उपाय भी साझा किए। उनका कहना था कि सकारात्मक तनाव व्यक्ति को अनुशासन, समय प्रबंधन और बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करता है।
इसके बाद डॉ. आयशा उज़्मा ने लैंगिक समानता पर अपने विचार रखते हुए कहा कि एक संतुलित समाज वही है, जहां पुरुष, महिला और ट्रांसजेंडर—सभी को समान अधिकार मिलें। उन्होंने जोर दिया कि मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति ही बेहतर नागरिक और संवेदनशील इंसान बन सकता है।
कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई और वातावरण बेहद सकारात्मक व संवादात्मक रहा। समापन पर डॉ. आयशा उज़्मा ने कॉलेज प्रशासन और वक्ता का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के अंत में कॉलेज प्रिंसिपल ने प्रोफेसर सिद्धार्थ गांगले को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।






.png)