थाईलैंड–कंबोडिया सीमा पर फिर भड़की हिंसा, शांति वार्ता के बीच भीषण गोलीबारी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 25-12-2025
Violence erupts again on the Thailand-Cambodia border, with heavy gunfire amid peace talks.
Violence erupts again on the Thailand-Cambodia border, with heavy gunfire amid peace talks.

 

इंफाल:

शांति समझौते को लेकर चल रही बातचीत के बावजूद थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर एक बार फिर हालात बिगड़ गए हैं। बुधवार (24 दिसंबर) को दोनों देशों की सेनाओं के बीच भीषण झड़पें हुईं, जिसमें भारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया।

थाईलैंड के गृह मंत्रालय के अनुसार, सीमावर्ती सिसकेत और सूरिन प्रांतों में गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई हुई। थाई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि कंबोडियाई बलों ने पहले बीएम-21 रॉकेट दागे, जिसके जवाब में थाई सेना ने तोपखाने, टैंकों और ड्रोन के जरिए जवाबी हमला किया। इस दौरान सिसकेत प्रांत में एक थाई सैनिक के घायल होने की पुष्टि हुई है।

थाई सेना ने बयान जारी कर कहा कि जवाबी कार्रवाई में कंबोडिया के भीतर स्थित 19 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। दूसरी ओर, कंबोडिया के शिक्षा मंत्रालय ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें स्कूली बच्चों को डर के मारे भागते हुए देखा जा सकता है। मंत्रालय का कहना है कि सीमा पर हमलों के कारण छात्रों और आम नागरिकों में दहशत फैल गई, जिससे कई स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा।

तनाव के बीच, झड़पों के कुछ घंटों बाद ही दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने पक्काद–पाइलिन सीमा चौकी पर मुलाकात की। हालांकि, इस बैठक से किसी तत्काल युद्धविराम की घोषणा की उम्मीद नहीं जताई जा रही है।

गौरतलब है कि थाईलैंड और कंबोडिया के बीच 7 दिसंबर से संघर्ष जारी है। अब तक इस संघर्ष में करीब 40 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लाखों लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। दक्षिण-पूर्व एशिया के क्षेत्रीय संगठन आसियान इन वार्ताओं में पर्यवेक्षक की भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन फिलहाल किसी ठोस समाधान की उम्मीद कम ही दिखाई दे रही है।

अल जज़ीरा के अनुसार, कंबोडिया की राजधानी से रिपोर्ट कर रहे संवाददाता असद बेग ने बताया कि मौजूदा बैठक केवल रक्षा मंत्रियों और सैन्य अधिकारियों तक सीमित है, इसमें कोई राजनीतिक नेतृत्व शामिल नहीं है। ऐसे में आज युद्धविराम की घोषणा की संभावना नहीं है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह बातचीत भविष्य में तनाव कम करने की दिशा में एक शुरुआती कदम साबित हो सकती है।