यरुशलम/गाजा:
गाजा पट्टी में बुधवार को हुए एक विस्फोट में एक इजराइली सैनिक के घायल होने के बाद इजराइल ने हमास पर संघर्षविराम के उल्लंघन का आरोप लगाया है। यह घटना 10 अक्टूबर से लागू युद्धविराम के लिए एक और गंभीर चुनौती के रूप में देखी जा रही है, हालांकि दोनों पक्षों के बीच समझौता औपचारिक रूप से अब भी कायम है।
इजराइली सेना के अनुसार, यह विस्फोट उस समय हुआ जब दक्षिणी गाजा के राफा शहर में इजराइली सैनिक एक सैन्य अभियान के तहत कथित “आतंकी ढांचे” को नष्ट करने में जुटे थे। सेना ने बताया कि एक सैन्य वाहन के पास विस्फोटक उपकरण फट गया, जिससे एक सैनिक मामूली रूप से घायल हो गया। घायल सैनिक को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज जारी है।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब हमास के प्रतिनिधि तुर्किये की राजधानी अंकारा में संघर्षविराम के दूसरे चरण को लेकर तुर्क अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे थे। हालांकि युद्धविराम अब तक बड़े पैमाने पर टिका हुआ है, लेकिन इसके अगले चरण पर प्रगति धीमी मानी जा रही है और दोनों पक्षों के बीच अविश्वास बना हुआ है।
हमास के वरिष्ठ नेता महमूद मृदावी ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह विस्फोट क्षेत्र में पहले से बिखरे पड़े विस्फोटकों के कारण हुआ। उन्होंने दावा किया कि हमास ने इस बारे में पहले ही मध्यस्थों को सूचित कर दिया था और इसे जानबूझकर किया गया हमला नहीं बताया।
वहीं, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस घटना को स्पष्ट रूप से युद्धविराम का उल्लंघन करार दिया। उन्होंने कहा कि इजराइल इस कार्रवाई का “उचित और सख्त जवाब” देगा। इजराइली नेतृत्व का कहना है कि वह अपने सैनिकों और नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।
गौरतलब है कि इससे पहले भी इजराइल ने कथित संघर्षविराम उल्लंघनों के जवाब में गाजा में सैन्य कार्रवाई की है। 19 अक्टूबर को इजराइल ने दावा किया था कि हमास की गोलीबारी में उसके दो सैनिक मारे गए थे, जिसके बाद जवाबी हमलों में 40 से अधिक फलस्तीनी मारे गए थे।
दूसरी ओर, हमास इजराइल पर युद्धविराम का उल्लंघन करने का आरोप लगाता रहा है। हमास का कहना है कि इजराइल गाजा में पर्याप्त मानवीय सहायता की अनुमति नहीं दे रहा और नागरिक इलाकों पर हमले जारी रखे हुए है। फलस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, संघर्षविराम लागू होने के बाद से अब तक इजराइली गोलीबारी में 370 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं।
इस ताजा घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि गाजा में संघर्षविराम बेहद नाजुक बना हुआ है और किसी भी समय हालात फिर से बिगड़ सकते हैं।