अमेरिकी सेना का दावा: पूर्वी प्रशांत में कथित ड्रग तस्करी नाव पर हमले में चार की मौत

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 18-12-2025
US military claims four killed in attack on suspected drug trafficking boat in the eastern Pacific.
US military claims four killed in attack on suspected drug trafficking boat in the eastern Pacific.

 

वॉशिंगटन

अमेरिकी सेना ने बुधवार को कहा कि उसने पूर्वी प्रशांत महासागर में कथित तौर पर ड्रग तस्करी में शामिल एक नाव पर हमला किया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। यह कार्रवाई ऐसे दिन हुई, जब अमेरिकी प्रतिनिधि सभा (हाउस) ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ड्रग कार्टेल्स के खिलाफ सैन्य शक्ति इस्तेमाल करने की शक्तियों को सीमित करने के प्रयासों को खारिज कर दिया।

यूएस साउदर्न कमांड ने सोशल मीडिया पर बताया कि यह नाव एक ज्ञात तस्करी मार्ग पर संचालित हो रही थी और इसे “नार्को-आतंकवादियों” द्वारा चलाया जा रहा था। हालांकि, सेना ने अपने आरोपों के समर्थन में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया, लेकिन एक वीडियो जारी किया गया, जिसमें एक नाव पानी में आगे बढ़ती दिखाई देती है और उसके बाद विस्फोट होता है।

इस ताज़ा हमले के साथ, अब तक कुल 26 नावों पर हमले किए जा चुके हैं। ट्रंप प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इन अभियानों में अब तक कम से कम 99 लोगों की मौत हो चुकी है। राष्ट्रपति ट्रंप ने इन हमलों को अमेरिका में ड्रग्स की तस्करी रोकने के लिए “ज़रूरी और निर्णायक कदम” बताया है और दावा किया है कि अमेरिका ड्रग कार्टेल्स के साथ एक तरह के “सशस्त्र संघर्ष” में है।

हालांकि, इस नाव-हमला अभियान को लेकर प्रशासन पर सांसदों की ओर से बढ़ती जांच और आलोचना हो रही है। सितंबर की शुरुआत में हुए पहले हमले में एक दूसरा हमला भी किया गया था, जिसमें पहले हमले के बाद नाव के मलबे से चिपके दो जीवित बचे लोगों की मौत हो गई थी।

बुधवार को हाउस में रिपब्लिकन सदस्यों ने डेमोक्रेट समर्थित दो प्रस्तावों को खारिज कर दिया, जिनका उद्देश्य ट्रंप प्रशासन को ड्रग कार्टेल्स के खिलाफ हमले जारी रखने से पहले कांग्रेस से अनुमति लेने के लिए बाध्य करना था। ये प्रस्ताव मध्य और दक्षिण अमेरिका में ट्रंप के सैन्य अभियान पर हाउस में होने वाले पहले मतदान थे।

इससे पहले, सीनेट में भी अधिकांश रिपब्लिकन सदस्यों ने ऐसे ही प्रस्तावों का विरोध किया था। यदि ये प्रस्ताव कांग्रेस से पारित भी हो जाते, तो राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा वेटो किए जाने की पूरी संभावना थी।