आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
अमेरिका की एक अदालत ने बायजू अल्फा और अमेरिका स्थित ऋणदाता जीएलएएस ट्रस्ट कंपनी एलएलसी की याचिका के आधार पर बायजू रवींद्रन के खिलाफ डिफॉल्ट निर्णय सुनाया है।
इस आदेश के तहत रवींद्रन को व्यक्तिगत रूप से एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की राशि चुकानी होगी। यह फैसला 20 नवंबर को आया।
सुनवाई के दौरान डेलावेयर दिवाला अदालत ने पाया कि रवींद्रन ने उसके दस्तावेजी जानकारी आदेश का पालन नहीं किया और कई मौकों पर टालमटोल करते रहे।
फैसले में कहा गया, ''अदालत ने प्रतिवादी रवींद्रन के खिलाफ डिफॉल्ट निर्णय सुना दिया है। इसमें 533,000,000 अमेरिकी डॉलर की राशि उनके व्यक्तिगत भुगतान के लिए निर्धारित की गई है, और खंड 2, खंड 5 और खंड 6 से संबंधित मामले में 540,647,109.29 अमेरिकी डॉलर की राशि चुकाने का आदेश दिया गया है।''
अदालत ने रवींद्रन को निर्देश दिया कि वह बायजू अल्फा के कोष और उनसे हुई किसी भी आय, जैसे कि कैमशाफ्ट एलपी ब्याज का पूरा और सटीक हिसाब दें, जिसमें हर एक लेन-देन और उससे हुई किसी भी आय को शामिल किया जाए।
बायजू अल्फा की स्थापना उस समय हुई थी जब रवींद्रन शिक्षण प्रौद्योगिकी कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड का प्रबंधन कर रहे थे, जो बायजू ब्रांड के तहत काम करती थी। इस कंपनी ने अमेरिका के ऋणदाताओं से एक अरब डॉलर का ऋण लिया था। बाद में ऋणदाताओं ने आरोप लगाया कि बायजू अल्फा ने ऋण की शर्तों का उल्लंघन किया और कुल ऋण में से 53.3 करोड़ डॉलर गैरकानूनी तरीके से अमेरिका से बाहर ले जाया गया।