ट्रंप बोले: मैं इज़रायल को कब्ज़े वाले वेस्ट बैंक का विलय नहीं करने दूंगा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 26-09-2025
Trump said: I will not allow Israel to annex the occupied West Bank.
Trump said: I will not allow Israel to annex the occupied West Bank.

 

आवाज द वाॅयस /वाॅशिंगटन

संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह इज़रायल को कब्ज़े वाले वेस्ट बैंक (पश्चिमी तट) का विलय करने की अनुमति नहीं देंगे। यह बयान इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी अति-राष्ट्रवादी सरकार के सदस्यों की महत्वाकांक्षाओं के खिलाफ एक कड़ा रुख माना जा रहा है, जो लंबे समय से इस क्षेत्र के विलय की वकालत करते आए हैं।

ट्रंप ने यह चौंकाने वाली बात गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए कही, जब प्रधानमंत्री नेतन्याहू शुक्रवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने अमेरिका पहुंचने वाले थे।

ट्रंप ने कहा:"मैं इज़रायल को वेस्ट बैंक का विलय करने नहीं दूंगा। बिल्कुल नहीं। ऐसा नहीं होगा।"जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या उन्होंने नेतन्याहू से इस मुद्दे पर बात की है, तो उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया।

उन्होंने कहा:"हाँ, लेकिन मैं इसे होने नहीं दूंगा। चाहे मैंने उनसे बात की हो या नहीं, मैं इज़रायल को वेस्ट बैंक का विलय करने की इजाजत नहीं दूंगा। बहुत हो चुका है। अब इसे रोकने का समय आ गया है, ठीक है?"

हालांकि ट्रंप ने यह नहीं बताया कि वह इज़रायल को वेस्ट बैंक के संभावित विलय से कैसे रोकेंगे, और विश्लेषकों ने यह सवाल उठाया कि क्या वह अपने रुख पर कायम रहेंगे या फिर अपनी पुरानी आदत के मुताबिक अचानक पलटी मार सकते हैं।

कतर स्थित सेंटर फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड ह्यूमैनिटेरियन स्टडीज़ के विश्लेषक और नॉन-रेजिडेंट फेलो मुईन रब्बानी ने अल जज़ीरा से बातचीत में ट्रंप के बयान को एक "सकारात्मक कदम" बताया, लेकिन यह भी कहा कि ट्रंप की बातों पर पूरी तरह भरोसा करना जोखिम भरा हो सकता है।रब्बानी ने कहा,"ट्रंप की बातों को महत्व देना खुद के जोखिम पर होता है." "अब असली सवाल यह है कि क्या वह वाकई सुनिश्चित करेंगे कि इज़रायल वेस्ट बैंक का विलय न करे? और अगर इज़रायल ऐसा करता है, तो ट्रंप क्या करेंगे? क्या किसी और बातचीत के बाद उनका मन बदल जाएगा?"

ट्रंप का यह बयान इज़रायल की दूर-दराज़ की सरकार, विशेषकर प्रधानमंत्री नेतन्याहू, के साथ उनकी प्रशासन की टकराव की स्थिति पैदा कर सकता है। नेतन्याहू और उनकी सरकार के कई सदस्य वेस्ट बैंक और ग़ज़ा का विलय अपने औपचारिक राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा बना चुके हैं।