हजारों छात्र अवसर मिलने के बावजूद अमेरिका में पढ़ाई से वंचित

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 15-09-2025
Thousands of students are deprived of studying in America despite having the opportunity
Thousands of students are deprived of studying in America despite having the opportunity

 

वॉशिंगटन

कड़ी मेहनत और लंबी प्रक्रिया के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका में पढ़ाई का अवसर पाने वाले हज़ारों छात्रों का सपना पूरा होने से पहले ही टूट गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए यात्रा प्रतिबंध ने इन छात्रों के भविष्य पर अनिश्चितता की गहरी छाया डाल दी है। एबीसी न्यूज़ की रविवार (14 सितंबर) की रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रतिबंध सीधे तौर पर 19 देशों के नागरिकों को प्रभावित कर रहा है।

इन देशों के छात्रों ने उच्च शिक्षा पाने के लिए वर्षों की तैयारी, भारी खर्च और समय लगाया था, लेकिन प्रतिबंध ने उनकी योजनाओं को ठप कर दिया।

अफ़ग़ानिस्तान की 21 वर्षीय बहारा साग़ारी इसका ताज़ा उदाहरण हैं। तालिबान शासन के कारण अपने ही देश में उच्च शिक्षा से वंचित रही साग़ारी को अमेरिका के एक कॉलेज में दाख़िले की पेशकश मिली थी। लेकिन ट्रंप प्रशासन के प्रतिबंध ने उनका यह सपना अधूरा कर दिया। निराशा जाहिर करते हुए उन्होंने कहा,"जब लगता है कि सपना पूरा होने ही वाला है, तभी कुछ ऐसा सामने आ जाता है जो सब कुछ खत्म कर देता है।"

इसी तरह, ईरान की 17 वर्षीय पुआ करामी और म्यांमार की 18 वर्षीय गु गु भी इस प्रतिबंध का शिकार बनी हैं। करामी ने अमेरिका को अपने वैज्ञानिक शोध का केंद्र बनाया था, वहीं गृहयुद्ध से प्रभावित म्यांमार की गु गु ने अमेरिका में पढ़ाई करके नई ज़िंदगी शुरू करने का सपना देखा था। अब दोनों की योजनाएँ अधर में हैं।

इस यात्रा प्रतिबंध का असर केवल दाख़िलों पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि वीज़ा प्रक्रिया पर भी गहरा पड़ा है। कई छात्रों को वीज़ा में देरी और अतिरिक्त जाँच का सामना करना पड़ रहा है। नतीजतन, दाख़िला मिलने के बाद भी वे समय पर विश्वविद्यालयों के कैंपस तक नहीं पहुँच पा रहे हैं।

पिछले वर्ष, केवल ईरान और म्यांमार से आने वाले छात्रों के मामले में ही आधे से अधिक वीज़ा स्वीकृत किए गए थे। लेकिन इस बार हालात और कठिन हो गए हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका तक पहुँचने में असमर्थ कई छात्र अब दूसरे देशों में विकल्प तलाश रहे हैं, जबकि कुछ ट्रंप प्रशासन की वीज़ा नीतियों में बदलाव की उम्मीद लगाए बैठे हैं।