रियाद/दोहा
कतर की राजधानी दोहा में रविवार (14 सितंबर) से अरब-इस्लामी शिखर सम्मेलन की शुरुआत हुई। सम्मेलन में हमास नेताओं को इज़रायल द्वारा कब्ज़े में लिए जाने के बाद मुस्लिम जगत ने एकजुटता दिखाई।
इस अवसर पर कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी ने इज़रायल के खिलाफ तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अरब जगत कतर पर हुए "बर्बर" इज़रायली हमलों की निंदा करता है और कतर द्वारा अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए उठाए गए कानूनी कदमों का पूरा समर्थन करेगा।
अमीर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी दो टूक अपील करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि वह पाखंड छोड़कर इज़रायल को उसके अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराए। उन्होंने कहा,"इज़रायल को यह समझना होगा कि उसने फ़िलिस्तीनियों पर जो नरसंहार और जबरन बेदखली की नीति थोपने की कोशिश की है, वह कभी सफल नहीं होगी, चाहे वे कितने भी झूठे तर्क क्यों न पेश करें।"
कतर के अमीर ने यह भी आरोप लगाया कि इज़रायली सरकार बार-बार युद्धविराम प्रस्तावों को ठुकरा रही है और जानबूझकर संघर्ष का दायरा बढ़ा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस नीति से न सिर्फ़ क्षेत्र के लोग बल्कि खुद इज़रायली भी गंभीर ख़तरों में पड़ रहे हैं।
ग़ाज़ा युद्ध पर बोलते हुए अल थानी ने साफ़ किया कि अरब और मुस्लिम देश अब मिलकर इज़रायल के खिलाफ ठोस और निर्णायक कदम उठाने के पक्ष में हैं।
(स्रोत: अल जज़ीरा)