वाशिंगटन
अमेरिका ने बुधवार को भारत और चीन समेत कई देशों की 32 संस्थाओं और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। ये प्रतिबंध कथित तौर पर ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से जुड़े होने के कारण लगाए गए हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह कदम ईरान द्वारा मिसाइल और अन्य पारंपरिक हथियार विकसित करने के प्रयासों का मुकाबला करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीति के अनुरूप है।
मंत्रालय ने बताया कि अमेरिका ने ईरान, चीन, हांगकांग, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, भारत और अन्य देशों में स्थित 32 संस्थाओं और व्यक्तियों को निशाना बनाया है, जो कथित तौर पर ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) उत्पादन के लिए खरीद नेटवर्क संचालित करते हैं।
अमेरिकी वित्त मंत्रालय के अवर सचिव (आतंकवाद एवं वित्तीय खुफिया) जॉन के. हर्ले ने कहा कि ईरान अपने परमाणु और पारंपरिक हथियार कार्यक्रमों के लिए पुर्जे खरीदने हेतु वैश्विक वित्तीय प्रणालियों का दुरुपयोग करता है। उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप के निर्देश पर, हम ईरान पर उसके परमाणु खतरे को समाप्त करने के लिए अधिकतम दबाव डाल रहे हैं।"
वित्त विभाग ने भारत स्थित ‘फार्मलेन प्राइवेट लिमिटेड’ को संयुक्त अरब अमीरात की फर्म ‘मार्को क्लिंगे’ से जोड़ा। क्लिंगे ने कथित तौर पर सोडियम क्लोरेट और सोडियम परक्लोरेट जैसी सामग्रियों की खरीद में मदद की।