वॉशिंगटन
अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने ताइवान को 10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के हथियारों की एक बड़ी खेप बेचने की घोषणा की है। इस पैकेज में मध्यम दूरी की मिसाइलें, हॉवित्ज़र तोपें और ड्रोन शामिल हैं। इस कदम से चीन के कड़े विरोध की आशंका जताई जा रही है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बुधवार देर रात यह घोषणा उस समय की, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित एक संबोधन में बोल रहे थे। हालांकि, ट्रंप ने अपने भाषण में विदेश नीति का केवल संक्षिप्त उल्लेख किया और चीन के साथ व्यापार या अन्य मुद्दों पर कोई विस्तार से बात नहीं की।
इस हथियार पैकेज में कुल आठ अलग-अलग बिक्री समझौते शामिल हैं। इनमें 82 हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS) और 420 आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत 4 अरब डॉलर से अधिक बताई गई है। ये वही प्रणालियां हैं, जिन्हें अमेरिका ने पहले बाइडेन प्रशासन के दौरान रूस के खिलाफ रक्षा के लिए यूक्रेन को उपलब्ध कराया था।
इसके अलावा, पैकेज में 60 सेल्फ-प्रोपेल्ड हॉवित्ज़र सिस्टम और उनसे जुड़ा उपकरण शामिल है, जिनकी कीमत भी 4 अरब डॉलर से अधिक है। साथ ही 1 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के ड्रोन भी इस सौदे का हिस्सा हैं।
अन्य सौदों में 1 अरब डॉलर से अधिक का सैन्य सॉफ्टवेयर, 700 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य की जैवलिन और टीओडब्ल्यू मिसाइलें, 96 मिलियन डॉलर के हेलीकॉप्टर स्पेयर पार्ट्स और 91 मिलियन डॉलर के हार्पून मिसाइल रिफर्बिशमेंट किट शामिल हैं।विश्लेषकों का मानना है कि ताइवान को लेकर पहले से ही संवेदनशील अमेरिका–चीन संबंधों में यह फैसला तनाव को और बढ़ा सकता है।






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