पाकिस्तान में तालिबान का कब्जा शुरू, टीटीपी ने स्वात में बनाई चेक पोस्ट, लोगों में दहशत

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 12-08-2022
पाकिस्तान में तालिबान का कब्जा शुरू, टीटीपी ने स्वात में बनाई चेक पोस्ट, लोगों में दहशत
पाकिस्तान में तालिबान का कब्जा शुरू, टीटीपी ने स्वात में बनाई चेक पोस्ट, लोगों में दहशत

 

स्वात, पाकिस्तान. पाकिस्तान के स्वात क्षेत्र में तालिबान की वापसी ने क्षेत्र के स्थानीय निवासियों में दहशत पैदा कर दी है, जो पाक सरकार से संगठन के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. न्यूज इंटरनेशनल ने गुरुवार को सूत्रों के हवाले से बताया कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने कथित तौर पर बालासूर टॉप पर एक चेक-पोस्ट स्थापित किया था, जबकि इसके सदस्य स्वात जिले की मट्टा तहसील के अन्य इलाकों में घूमते देखे गए थे. स्थानीय निवासियों के अनुसार, तालिबान आतंकवादी न केवल बालसूर टॉप पर थे, बल्कि बार शोर, कोज शोर, नमल, गत पुचर और अन्य स्थानों सहित मट्टा तहसील के पहाड़ी इलाकों में भी बड़ी संख्या में मौजूद थे.

स्थानीय निवासियों ने कहा कि मट्टा तहसील के पहाड़ी इलाकों में तालिबान आतंकवादियों की संख्या हर गुजरते दिन के साथ बढ़ रही थी, जिससे निवासियों में दहशत पैदा हो गई थी. पुलिस उप महानिरीक्षक, मलकंद रेंज, जीशान असगर से नए विकास पर टिप्पणियों के लिए संपर्क किया गया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल जनवरी में टीटीपी ने अफगानिस्तान के पूर्वी नंगरहार प्रांत में वरिष्ठ नेता मुफ्ती खालिद बलती उर्फ मोहम्मद खोरासानी की मौत की पुष्टि की थी.

टीटीपी और पाकिस्तान सरकार के बीच चल रही शांति वार्ता गतिरोध पर पहुंच गई क्योंकि प्रतिबंधित समूह ने खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के साथ पूर्ववर्ती संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों (एफएटीए) के विलय को उलटने की अपनी मांग को मानने से इनकार कर दिया. गतिरोध को तोड़ने के लिए हाल के हफ्तों में दोनों पक्षों के बीच कई बैठकों के बावजूद, शांति समझौते के मामले में टीटीपी के हथियार डालने के मुद्दे पर भी गतिरोध बना हुआ है.

इस मुद्दे का राजनीतिक समाधान निकालने के लिए दोनों पक्षों के बीच अक्टूबर 2021 में बातचीत शुरू हुई थी. अफगान तालिबान के अनुरोध पर हुई वार्ता के कारण नवंबर में एक महीने का युद्धविराम हुआ. हालाँकि, संघर्ष विराम अधिक समय तक नहीं चल सका, क्योंकि मतभेद जल्द ही सामने आ गए.