नाइजीरिया में अपहृत 130 स्कूली बच्चे और कर्मचारी रिहा, पुलिस ने की पुष्टि

Story by  रावी | Published by  [email protected] | Date 22-12-2025
130 schoolchildren and staff members abducted in Nigeria have been released, police confirm.
130 schoolchildren and staff members abducted in Nigeria have been released, police confirm.

 

अबुजा

नाइजीरिया में पिछले महीने एक कैथोलिक स्कूल से अगवा किए गए 130 स्कूली बच्चों और कर्मचारियों को रिहा कर दिया गया है। नाइजर राज्य पुलिस ने रविवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अपहरण के बाद बंधक बनाए गए सभी शेष पीड़ित अब सुरक्षित हैं।

यह अपहरण 21 नवंबर को नाइजीरिया के उत्तर-मध्य नाइजर राज्य के पापिरी समुदाय में स्थित सेंट मैरी कैथोलिक स्कूल में हुआ था, जब हथियारबंद बंदूकधारियों ने स्कूल पर हमला कर दिया। इस घटना में कम से कम 303 छात्र और 12 शिक्षक अगवा कर लिए गए थे। हालांकि, हमले के कुछ घंटों के भीतर 50 बच्चे किसी तरह भागने में सफल रहे थे, जबकि इस महीने की शुरुआत में 100 अन्य छात्रों को रिहा कर दिया गया था।

नाइजर राज्य पुलिस के प्रवक्ता वासियू अबियोदुन ने बयान में कहा, “अपहृत छात्रों का शेष समूह भी अब रिहा कर दिया गया है। कुल मिलाकर 130 पीड़ितों—जिसमें स्कूल का स्टाफ भी शामिल है—को सुरक्षित मुक्त कराया गया है।”

हालांकि, जब कुछ बच्चों और शिक्षकों के अब भी लापता होने की खबरों पर सवाल किया गया, तो पुलिस ने कहा कि इस संबंध में आगे की जानकारी जल्द साझा की जाएगी।

नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला टिनूबू के प्रवक्ता बायो ओनानुगा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बताया कि शेष सभी 130 स्कूली बच्चों को रिहा कर दिया गया है और उन्हें क्रिसमस से पहले नाइजर राज्य की राजधानी मिन्ना लाया जाएगा, जहां वे अपने परिजनों से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि यह रिहाई “सैन्य खुफिया सूचनाओं पर आधारित अभियान” के बाद संभव हो सकी।

राष्ट्रपति के एक अन्य प्रवक्ता संडे डेयर ने भी दावा किया कि अब कोई भी बच्चा बंधक नहीं है। हालांकि, अधिकारियों ने यह स्पष्ट नहीं किया कि रिहाई कैसे हुई—क्या यह सैन्य कार्रवाई का नतीजा थी या फिरौती का।

नाइजीरिया के उत्तर और उत्तर-मध्य क्षेत्रों में अपहरण की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह काम सशस्त्र गिरोह करते हैं, जो स्कूलों और यात्रियों को निशाना बनाकर फिरौती वसूलते हैं। हाल के हफ्तों में पड़ोसी केब्बी राज्य और क्वारा राज्य में भी इसी तरह की घटनाएं सामने आई थीं।

विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे मामलों में अक्सर फिरौती दी जाती है, हालांकि सरकार सार्वजनिक रूप से इसे स्वीकार नहीं करती। इस बीच, बच्चों की रिहाई को लेकर देशभर में राहत और संतोष का माहौल है, खासकर क्रिसमस से ठीक पहले।