नई दिल्ली
कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी गुरुवार (11 सितंबर) को राजधानी दोहा स्थित इमाम अब्दुल वहाब मस्जिद में इज़रायली हमले में मारे गए लोगों की जनाज़े की नमाज़ में शामिल हुए।
हमले में कुल छह लोग मारे गए थे, जिनमें पाँच फ़िलिस्तीनी और क़तर की सेना का एक जवान शामिल था। मृतकों के शव झंडों में लिपटे हुए थे—फ़िलिस्तीनी नागरिकों के शव फ़िलिस्तीन के झंडे और शहीद जवान कॉर्पोरल बद्र साद मोहम्मद अल-हुमायदी अल-दोसरी का शव क़तर के झंडे में।
क़तर के आंतरिक मंत्रालय ने घोषणा की कि सभी मृतकों को मिसामिस ओक्सिडेंटल कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा।
दरअसल, 9 सितंबर को इज़रायली वायुसेना ने हमास के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाकर हमला किया था। हालांकि वे सभी बच गए, लेकिन इस हमले में छह लोगों की मौत हो गई। मृतकों में हमास नेता खलील अल-हया का बेटा भी शामिल था।
हमले के बाद क़तर के अमीर ने सीएनएन से बातचीत में कहा कि उन्हें अब तक यह नहीं पता कि खलील अल-हया मारे गए हैं या नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि वे हमास-इज़राइल युद्ध में मध्यस्थ की अपनी भूमिका पर पुनर्विचार करेंगे। अमीर का यह भी कहना था कि दोहा में हुआ इज़रायली हमला, इज़रायली बंधकों की रिहाई की किसी भी संभावना को खत्म कर चुका है।
स्रोत: खलीज टाइम्स