आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
गाजा पट्टी में सोमवार को इज़रायली हवाई हमलों में कम से कम 94 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई और 439 से अधिक घायल हो गए। यह जानकारी गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने देर शाम जारी एक आधिकारिक बयान में दी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अक्टूबर 2023 से शुरू हुए इज़रायली सैन्य अभियान के चलते अब तक 60,933 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 1.5 लाख से अधिक घायल हुए हैं।
बयान में कहा गया है कि "कब्ज़े वाली सेना द्वारा किए गए बम हमलों में कई पीड़ित अब भी मलबे में दबे हुए हैं। लेकिन आवश्यक उपकरणों और जनशक्ति की भारी कमी के कारण राहत व बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है।"
इसके साथ ही, मंत्रालय ने यह भी आरोप लगाया कि इज़रायली सेना राहत सामग्री एकत्र करने आए आम नागरिकों पर भी हमले कर रही है। सोमवार को राहत सामग्री के लिए कतार में लगे 29 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई और 300 से अधिक घायल हो गए।
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 को गाजा पट्टी पर नियंत्रण रखने वाले हमास के लड़ाकों ने इज़राइल पर अचानक हमला किया था। इस हमले में 1,200 लोग मारे गए और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया। इसके जवाब में, इज़रायली सेना ने गाजा में बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान शुरू किया।
लगातार 15 महीने तक चलने वाले इस अभियान के बाद, अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों के दबाव में इज़राइल ने 19 जनवरी 2025 को युद्धविराम की घोषणा की थी। लेकिन यह विराम ज्यादा दिन नहीं चला।
18 मार्च 2025 को इज़रायली सेना (IDF) ने दोबारा गाजा में अपना अभियान शुरू कर दिया। अभियान के दूसरे चरण में अब तक 9,440 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं और 37,986 घायल हुए हैं।
माना जा रहा है कि 251 बंधकों में से कम से कम 35 अब भी जीवित हैं। IDF का कहना है कि बंधकों को छुड़ाने के लिए सैन्य कार्रवाई जारी रहेगी।
संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय लगातार इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से गाजा में सैन्य कार्रवाई बंद करने की अपील कर रहे हैं। इज़राइल के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में नरसंहार का मामला भी दायर किया जा चुका है।
हालांकि नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि उनका लक्ष्य है हमास को पूरी तरह से कमजोर करना और बंधकों को सुरक्षित मुक्त कराना। उन्होंने कहा कि जब तक ये उद्देश्य पूरे नहीं हो जाते, गाजा में अभियान जारी रहेगा।