बासित ज़रगर/ श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक अत्यंत भावुक और गरिमामय समारोह में आतंकवाद की क्रूरता से अपने परिवार के कमाने वाले सदस्यों को खो चुके 250 पीड़ित परिवारों को नियुक्ति पत्र सौंपकर उनके दर्द को सम्मान और आशा में बदलने का एक नया अध्याय लिखा. यह नियुक्तियाँ अनुकंपा के आधार पर प्रदान की गईं, जो उन परिवारों के लिए एक उज्जवल भविष्य की किरण है, जिन्हें दशकों से आतंकवाद की भयानक विभीषिका ने निहत्था कर रखा है.
उपराज्यपाल ने अपने गहरे संवेदना से भरे संबोधन में कहा, “यह नियुक्ति पत्र केवल कागज का टुकड़ा नहीं, बल्कि उन अमर शहीदों के प्रति हमारी श्रद्धांजलि है, जिन्होंने अपनी जान की सर्वोच्च आहुति देकर इस धरती को सुरक्षित किया.उनके परिवारों को सम्मानजनक और स्वाभिमानी जीवन प्रदान करना हमारा पावन कर्तव्य है.”
उन्होंने आगे कहा, “जहां कोई मुआवज़ा इस अपूरणीय क्षति को पूरा नहीं कर सकता, वहीं यह एक मजबूत सहारा है जो पीड़ित परिवारों को पुनः आशा, सम्मान और सशक्तिकरण की दिशा दिखाता है.”
कार्यक्रम में शामिल लाभार्थियों ने अपने दिल को झकझोर देने वाले अनुभव साझा किए. कुपवाड़ा में 2002 के जघन्य आतंकवादी हमले में पिता खो चुकी सकीना बानो ने आंसू भरे स्वर में कहा, “लंबे संघर्ष और इंतजार के बाद यह नौकरी हमारे लिए नई जिंदगी की शुरुआत है, एक नई उम्मीद की किरण है.”
अनंतनाग के आरिफ हुसैन, जिनके भाई को बेरहमी से आतंकवादियों ने मारा था, ने कहा, “यह नियुक्ति सिर्फ रोज़गार नहीं, बल्कि मेरे परिवार के लिए न्याय, सम्मान और फिर से जीने की प्रेरणा है.”
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रशासन के अथक प्रयासों को सलाम करते हुए कहा कि सरकार उन योजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है जो सीधे आम जन के जीवन में बदलाव लाएं. उन्होंने दृढ़ता से कहा, “हम आतंकवाद को इस प्रदेश की प्रगति, समृद्धि और सम्मान की राह में कभी भी बाधा नहीं बनने देंगे. हमारा लक्ष्य है – शांति, विकास और न्याय.”
इस कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, गृह विभाग और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे, जो इस प्रयास की गंभीरता और प्रतिबद्धता का परिचय देते हैं.यह पहल जम्मू-कश्मीर प्रशासन की उन अनवरत कोशिशों का प्रतीक है, जिनका मकसद आतंकवाद पीड़ित परिवारों तक समय पर सहायता पहुँचाना है.
उपराज्यपाल ने संबंधित विभागों से शेष आवेदनों के शीघ्र निपटान का भी आग्रह किया, ताकि हर एक परिवार तक न्याय और सहारा पहुंचे.सरकार पहले भी आतंकवाद पीड़ित परिवारों के लिए वित्तीय सहायता, मुफ्त शिक्षा और कौशल विकास जैसी अनेक कल्याणकारी योजनाएं लागू कर चुकी है.
आज की यह पहल केवल प्रशासन की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता का प्रतीक ही नहीं, बल्कि एक नई उम्मीद और विश्वास की लौ है, जो केन्द्र शासित प्रदेश के प्रत्येक प्रभावित परिवार के जीवन में उजियाला करने का संकल्प लेती है.