नई दिल्ली
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व सैन्य अधिकारी जियाउल अहसन सहित 11 लोगों के खिलाफ चल रहे मामले में जांच रिपोर्ट दाखिल करने की समय सीमा दो महीने के लिए बढ़ा दी है। अब रिपोर्ट 26 अक्टूबर तक प्रस्तुत करनी होगी। यह मामला अवामी लीग सरकार के शासनकाल के दौरान गुमशुदगी, हत्याओं और यातनाओं जैसे मानवता-विरोधी अपराधों से जुड़ा है।
रविवार (24 अगस्त) को ट्रिब्यूनल-1 के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मोहम्मद गुलाम मुर्तुज़ा मजूमदार की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने नई तारीख तय की। अन्य सदस्य न्यायमूर्ति मोहम्मद शफीउल आलम महमूद और सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहम्मद मोहितुल हक इनाम चौधरी रहे।
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से पेश हुए अभियोजक गाज़ी एम.एच. तमीम ने जाँच रिपोर्ट तैयार करने के लिए दो महीने और समय की मांग की। न्यायाधिकरण ने उनकी अर्जी स्वीकार करते हुए समय सीमा बढ़ा दी। यह चौथी बार है जब इस मामले की रिपोर्ट दाखिल करने की तारीख बढ़ाई गई है।
अब तक अभियोजन पक्ष ने 11 आरोपियों में से चार के नाम सार्वजनिक किए हैं। इनमें शेख हसीना, पूर्व सैन्य अधिकारी ज़ियाउल अहसन, प्रधानमंत्री के पूर्व रक्षा सलाहकार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) तारिक अहमद सिद्दीकी और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक बेनज़ीर अहमद शामिल हैं। ज़ियाउल अहसन इस समय हिरासत में हैं और रविवार को उन्हें न्यायाधिकरण के समक्ष पेश किया गया।
गौरतलब है कि इस साल 6 जनवरी को न्यायाधिकरण ने शेख हसीना और अन्य 11 लोगों के खिलाफ अवामी लीग सरकार के लगभग डेढ़ दशक लंबे शासनकाल में गुमशुदगी और न्यायेतर हत्याओं जैसे आरोपों को लेकर गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। उसी समय 12 फरवरी तक जाँच रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया था। बाद में यह समय सीमा 20 अप्रैल और फिर 24 जून तक बढ़ाई गई। आज अभियोजन पक्ष के अनुरोध पर एक बार फिर तारीख आगे बढ़ाकर 26 अक्टूबर तय की गई है।