उत्तर कोरिया ने साइबर अपराधों पर अमेरिकी प्रतिबंधों की कड़ी निंदा की

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 06-11-2025
North Korea strongly condemns US sanctions on cybercrimes, says pressure tactics will fail
North Korea strongly condemns US sanctions on cybercrimes, says pressure tactics will fail

 

सियोल

उत्तर कोरिया ने गुरुवार को ट्रम्प प्रशासन द्वारा उसके अवैध परमाणु हथियार कार्यक्रम को वित्तपोषित करने वाले साइबर अपराधों को लक्षित करते हुए लगाए गए नए अमेरिकी प्रतिबंधों की कड़ी आलोचना की। उसने अमेरिका पर प्योंगयांग के प्रति “दुष्ट” वैमनस्य रखने का आरोप लगाया और अनिर्दिष्ट प्रतिकारात्मक कदम उठाने की बात कही।

उत्तर कोरियाई उप विदेश मंत्री किम उन चोल के बयान के बाद यह कदम आया, जिसमें उन्होंने कहा कि अमेरिका की वर्तमान प्रशासन की DPRK (डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया) के प्रति शत्रुतापूर्ण नीति का जवाब उत्तर कोरिया उचित उपायों से देगा।

बता दें कि अमेरिकी खजाना विभाग ने मंगलवार को आठ व्यक्तियों और दो कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए, जिनमें उत्तर कोरियाई बैंकर्स भी शामिल हैं। आरोप है कि ये लोग साइबर अपराध योजनाओं के जरिए धन शोधन में शामिल थे।

अमेरिकी खजाना विभाग के अनुसार, उत्तर कोरिया के राज्य-प्रायोजित हैकिंग अभियान ने पिछले तीन वर्षों में मुख्य रूप से डिजिटल संपत्तियों में 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की चोरी की है, जो किसी भी अन्य विदेशी देश की तुलना में सबसे अधिक है। ये अवैध धन देश के परमाणु हथियार कार्यक्रम को वित्तपोषित करने में मदद करता है।

रिपोर्ट में कहा गया कि उत्तर कोरिया बैंकिंग प्रतिनिधियों, वित्तीय संस्थानों और शेल कंपनियों के नेटवर्क का उपयोग करता है, जो उत्तर कोरिया, चीन, रूस और अन्य देशों में फैला है, ताकि आईटी कर्मचारियों की धोखाधड़ी, क्रिप्टोकरेंसी हाइजेक और प्रतिबंधों की अवहेलना से प्राप्त धन को धोया जा सके।

ये प्रतिबंध ऐसे समय में लगाए गए हैं जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ बातचीत फिर से शुरू करने में रुचि दिखाई थी। पिछली न्यूक्लियर चर्चाएँ 2019 में ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान टूट गई थीं, जब अमेरिका की ओर से उत्तर कोरिया पर लगाए गए प्रतिबंधों में राहत के बदले किम के न्यूक्लियर कार्यक्रम को समाप्त करने के उपायों पर सहमति नहीं बनी थी।

किम जोंग उन ने 2019 के बाद से वाशिंगटन और सियोल के साथ किसी भी प्रकार की बातचीत से इनकार किया है। इसके बजाय उन्होंने रूस पर ध्यान केंद्रित किया है, यूक्रेन युद्ध में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मदद के लिए हजारों सैनिक और भारी सैन्य उपकरण भेजे हैं।

हाल ही में एक भाषण में किम ने अमेरिका से कहा कि उत्तर कोरिया से उसके परमाणु हथियारों को सौंपने की शर्त को डिप्लोमेसी फिर से शुरू करने के लिए हटाया जाए। उन्होंने पिछले सप्ताह एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन के दौरान ट्रम्प के मिलने के प्रस्ताव को भी अस्वीकार कर दिया।