ह्युंग-जिन किम
उत्तर कोरिया ने लगभग पांच महीनों बाद बुधवार को पहली बार बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण किया, ऐसे समय में जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य वैश्विक नेता अगले सप्ताह दक्षिण कोरिया में एक शिखर सम्मेलन के लिए जुटने वाले हैं।
दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ ने बताया कि उन्होंने प्योंगयांग के दक्षिणी क्षेत्र से कई संदिग्ध कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का प्रक्षेपण होते हुए देखा।
उत्तर कोरिया आमतौर पर जापान और कोरियाई प्रायद्वीप के बीच समुद्री क्षेत्रों की ओर मिसाइलें दागता है, जिससे पड़ोसी देशों को कोई प्रत्यक्ष नुकसान नहीं होता। हालांकि, इस बार सैन्य अधिकारियों ने केवल इतना कहा कि मिसाइलें उत्तर-पूर्व की दिशा में गईं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वे कितनी दूर तक गईं और कहां गिरीं।
दक्षिण कोरिया की सेना ने निगरानी को और मजबूत कर दिया है और अमेरिका तथा जापान के साथ करीबी सूचना साझेदारी कर रही है।
जापान की नई प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने बताया कि टोक्यो वॉशिंगटन और सियोल के साथ लगातार संवाद में है और रियल-टाइम मिसाइल चेतावनी डेटा साझा कर रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी मिसाइल जापान के समुद्री क्षेत्र या विशेष आर्थिक क्षेत्र में नहीं गिरी।
दक्षिण कोरिया अगले सप्ताह एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, जिसका उद्देश्य आर्थिक सहयोग और व्यापार को बढ़ावा देना है। यह सम्मेलन सैन्य नहीं, बल्कि आर्थिक विषयों पर केंद्रित है।
ट्रंप के सम्मेलन से पहले ग्योंगजू में द्विपक्षीय वार्ताओं के लिए आने की संभावना थी, जहां उनकी मुलाकात चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्योंग से होनी थी। हालांकि, कोरियाई अधिकारियों का कहना है कि ट्रंप शायद APEC की मुख्य बैठक (30 अक्टूबर–1 नवम्बर) में हिस्सा न लें।
विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर कोरिया इस तरह के मिसाइल परीक्षण कर यह दिखाना चाहता है कि वह खुद को एक परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र के रूप में मान्यता दिलवाना चाहता है, जिससे वह संयुक्त राष्ट्र से अपने खिलाफ लगे आर्थिक प्रतिबंध हटाने की मांग कर सके।
बुधवार का यह परीक्षण उत्तर कोरिया द्वारा मई 8 को किए गए आखिरी मिसाइल परीक्षण के बाद पहला है, जब उसने अमेरिका और दक्षिण कोरियाई बलों के खिलाफ परमाणु जवाबी हमले का अभ्यास किया था।
यह मिसाइल परीक्षण जून में राष्ट्रपति ली के सत्ता में आने के बाद पहला है, जिन्होंने कोरियाई प्रायद्वीप में शांति बहाल करने का वादा किया था।
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने 2019 में ट्रंप के साथ परमाणु वार्ता विफल होने के बाद से हथियार परीक्षणों की गति को काफी तेज कर दिया है। हालांकि, हाल में उन्होंने संकेत दिया कि अगर अमेरिका उत्तर कोरिया के निरस्त्रीकरण की अपनी शर्त छोड़ दे, तो वह फिर से वार्ता में लौट सकते हैं।
अक्टूबर की शुरुआत में किम ने एक सैन्य परेड में नया इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) “ह्वासोंग-20” पेश किया, जिसे उन्होंने “देश का सबसे शक्तिशाली परमाणु रणनीतिक हथियार प्रणाली” बताया।
विशेषज्ञों के अनुसार यह ICBM कई परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और अमेरिका की मिसाइल रक्षा प्रणाली को चकमा देने के लिए बनाया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि उत्तर कोरिया आने वाले महीनों में इसका परीक्षण कर सकता है।