आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
इजरायल की सुबह-सुबह की एयरस्ट्राइक में गाजा पट्टी में सैकड़ों लोगों की जान चली गई। स्थानीय अस्पताल और गवाहों के अनुसार, शनिवार को कम से कम 100 फिलिस्तीनियों—जिसमें बच्चे और महिलाएं शामिल हैं—की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग घायल हैं।
फिलिस्तीनी चिकित्सा सूत्रों की रिपोर्ट के मुताबिक, 7 अक्टूबर 2023 से अब तक कुल हताहतों की संख्या 57,882 पहुंच गई है और 138,095 लोग घायल हो चुके हैं।
अत्यधिक खूनी सुबह
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देर अल-बलाह में सहायता सामग्री लेने जा रहे लोगों की ओर इरपायल्टिश सैनिकों ने गोलियां चलाई, जिसमें कम से कम 31 फिलिस्तीनी मारे गए और दर्जनों घायल हुए।
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इनके अलावा, वहीं जमीनी और हवाई हमलों में 28 अन्य लोगों की मौत हुई, जिनमें चार बच्चे भी शामिल हैं।
इलाकों में सड़कों पर हवाई हमला
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खुदाई अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, मध्य गाजा में एयरस्ट्राइक में 13 लोगों की मौत हुई—उनमें चार बच्चे भी शामिल थे।
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खां यूनिस क्षेत्र में 15 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई।
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उत्तरी गाजा में बेइत हानून क्षेत्र में एयरस्ट्राइक की तीव्रता बढ़ गई।
राहत कार्य ठप
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फिलिस्तीनी गाज़ा ह्यूमैनिटैरियन फाउंडेशन (GHF) के खाद्य वितरण केंद्रों के पास, सहायता लेने गए लोगों की ओर तैस्कीरों की गई गोलीबारी हुई।
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रेड क्रॉस के एक क्षेत्रीय अस्पताल में इस गोलीबारी के बाद घायल मरीजों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई।
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गिने-चुने बच्चों और महिलाओं की कहानियाँ—जैसे 17 साल के नसीर की जान चली जाना, जो अपनी माता के लिए आटा लाने गया था—भी सामने आई हैं।
युद्ध में मानवीय संकट
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21 महीने चले युद्ध में लगभग 20 लाख की आबादी वाली गाजा पट्टी को बुनियादी जीवन सहायता के लिए बाहरी मदद पर निर्भर होना पड़ा है।
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एयरस्ट्राइक और सड़क दुर्घटनाओं की वजह से राहत कार्य ठप पड़ गए, जिससे विश्व स्तर पर खाद्य और ईंधन संकट से जुड़े खतरे मंडरा रहे हैं।
वैश्विक प्रतिक्रियाएँ और मानवीय आपातकाल
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संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवीय संस्थाएं भोजन, ईंधन, अस्पताल संचालन और जल संसाधनों के लिए आवश्यक जनसंपर्क और संसाधनों की कमी पर लगातार चेतावनी दे रही हैं।
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वहीं, इजरायली सैन्य अधिकारियों का कहना है कि उन्हें ग़लतफहमीवश लोगों को चेतावनी दी गई थी, लेकिन घायल होने वालों की किसी भी जानकारी से इंकार किया जा रहा है।
व्यापक मानवीय हिंसा
यह खबर वैश्विक चर्चा का कारण बनी है, क्योंकि इस बार के हमलों में सैकड़ों की मौत, उसी इलाके में सख्त फायरिंग, और खाद्य सामग्री पाने गए लोगों पर गोलियां बरसना जैसी त्रासद घटनाओं ने मानवीय चिंताओं और युद्ध अपराध की संभावनाओं को जन्म दिया है।फ़िलहाल हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं, और राहत एवं शरणार्थी सहायता के बीच संघर्ष जारी है।